संजारी बालोद विधानसभा विधायक संगीता सिन्हा से संबंधित विषयों को लेकर युवा कांग्रेस बालोद ने स्थानीय पत्रकार के खिलाफ दर्ज कराया
शिकायत।
@विनोद नेताम
बालोद : राजनीतिक पंडितों की मानें तो सत्ता व्यक्ति के सर बैठी हुई वो बला है जिसके डगमगाते ही व्यक्ति डांवाडोल हो जाता है। बिलकुल ठीक उसी तरह जिस तरह एक बेवड़ा अति शराब पीने के बाद नजर आता है। शायद इसलिए आमतौर लोग कहते हैं कि सत्ता का नशा इंसान को खत्म कर देती है। हालांकि यह बात नशा को लेकर लोगों को कहते हुए देखा व सुना जाता रहा है। इतिहास गवाह है सत्ता के खातिर मानव ने मानव को भी बेंच खाने में परहेज नहीं किया है। भाई के साथ भाई लड़कर मारा जाता है तो वंही बाप और बेटा सत्ता के लालच में दफन हो गये हैं। यह दौर आज के वर्तमान परिदृश्य के दौरान भी धरातल पर मजबूती से तैनात है यानी कि आज भी सत्ता के नाम पर लड़ाई और जंग जारी है। हालांकि ज्यादातर मार कांट वाली लड़ाई अब पहले के माफिक ना रहकर राजनीतिक लड़ाई में तब्दील हो गई है। इस दौरान संविधान और कानून का राज भी स्थापित हो गया है। अतः अब लड़ाईयां रणभूमि में कम और सियासी सरजंमी पर ज्यादा नजर आता है। समझदार राजनीतिक दल के चतुर नेता चुनाव को सामने आते देख अपनी व्यवहार और आचरण में मधुरता लाने का प्रयास किया करते हैं,
वंही सत्ता के अंहकार में मदमस्त नेता इस दौरान अपनी मंद बुद्धि मानसिकता का परिचय देते हुए अनर्गल राजनीतिक आचरण समाज के मध्य प्रस्तुत करते हैं। गौरतलब तलब हो कि आज के वर्तमान समय के दौरान ज्यादातर नेता किसी ना किसी राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं अतः उनकी खराब आचरण और व्यवहार से राजनीतिक दल को भी नुकसान उठाने हेतू बाधित होना पड़ता है। इसलिए सत्ता सरकार में काबिज राजनेताओं को ऐसे घटिया आचरण समाज के सामने प्रस्तुत करने से साफ बचना लाजमी माना गया है। सत्ता पर काबिज नेताओं की घटिया आचरण चुनाव के नजदीक में किसी भी स्तर पर सही नहीं माना जा सकता है। बहरहाल बालोद जिला के अंदर कुछ इसी तरह की आचरण को लेकर इन दिनों राजनीतिक गलियारों में हलचल देखी जा रही है। दरअसल संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा एक छत्तिसगढी फिल्म से संबंधित विषयों को लेकर बयान दिया था जिसमें उनके द्वारा कहा गया कि छत्तिसगढ़ को लेकर बाहर के लोग नक्सलवाद का भ्रम फैलाते है,
जबकि छत्तीसगढ़ राज्य कितना बेहतर है उन्हें आकर देखना चाहिए। विधायक संगीता सिन्हा के बयान पर एक स्थानीय पत्रकार ने अपने वेबसाइट पर खबर के माध्यम से अपनी बात रखने का प्रयास किया। पत्रकार के द्वारा किए गए प्रयास को विधायक संगीता सिन्हा की सम्मान से जोड़ कर सत्ता धारी राजनीतिक दल के नेता पत्रकार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। सत्ता पर काबिज लोगों के द्वारा पत्रकार के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराने को लेकर मामला राजनीतिक मुद्दा का रूप अख्तियार कर लिया है। वैसे भी कांग्रेस पार्टी के सरकार बनने से अबतक जिला में अवैध सट्टा, अवैध शराब, अवैध खनन, सत्ताधारी नेताओं की अन्य अवैध गतिविधियों पर अबतक किसी कांग्रेसी नेताओं ने खुलकर विरोध नहीं किया है, जबकि जिला के अंदर मौजूद ज्यादातर कांग्रेसी छूटभैये नेता सत्ता के आड़ अवैध गतिविधियों को खुलेआम संरक्षण देते हुए नजर आए हैं। जिले के चौक चौराहे पर कांग्रेसी नेताओं की इस अवैध कारोबार में संलिप्तता की खबर आम बात हो गई है। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी इस वक्त फूंक कर कदम रख रही हैं जिसके बावजूद कांग्रेसी नेताओं के सर पर चढ़ी सत्ता का नशा उतरने की बजाय तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। बिते दिनों एक महिला ने ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गुरूर पर अपराध मामला दर्ज करने की गुजारिश पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुमार यादव से कर रखी है। मामले में वैसे भी कांग्रेस पार्टी और मौजूदा पुलिस प्रशासन कटघड़े में खड़ी नजर आ रही है। कांग्रेसी नेताओं को बेहतरीन आचरण और व्यवहार का परिचय देते हुए बेहतरीन तरीके से शासन करने की आवश्यकता है ना कि जबदस्ती के विवादों में पड़ कर स्वंय की राजनीतिक नुकसान करना चाहिए।