बालोद : राजनीतिक पंडितों की मानें तो किसी भी राजनीतिक दल के लिए या फिर किसी भी सरकार के लिए दोबारा सत्ता वापसी हेतू धरातल पर तीन मुख्य कार्य किए जाना चाहिए, क्योंकि आम जनता को यह तीन कार्य दिखते भी है और सुहाते भी है। यह तीन कार्य है बिजली, सड़क और कानून व्यवस्था इन तीन कार्य से संबंधित विषयों पर हम पहले भी खबर प्रकाशित कर चुके हैं लिहाजा हमारे पाठकों को पुनः परोसने की आवश्यकता नहीं है। जैसे कि हमारे पाठको को राज्य में मौजूद सड़कों की हालत चिकनी फिलहाल नजर नहीं आ रही है। चूंकि लोक निर्माण विभाग मंत्री चिकनी सड़कों की बात कहते हुए सड़कों की हालत को बेहतर बताने का प्रयास करते हुए देखा जाता है। ठीक वैसे ही सत्ता धारी नेताओं के चुंगल में फंसकर कानून व्यवस्था की जो हालत कुछ वर्षों के दौरान बनकर रह गई वह किसी से छूपा नहीं है। गुलामी की जंजीरों में बंधा हुआ प्रतीत नजर आने वाला खाकी अपनी वर्दी की चमक को बरकरार रख पाने में जद्दोजहद करते हुए नजर आ रही है । अब बात रही बिजली व्यवस्था की वैसे देखा जाए तो छत्तिसगढ़ राज्य बिजली आपूर्ति के मामले में कंही पर भी फिसड्डी साबित अब तक नहीं हुई है। अलबत्ता राज्य दूसरे राज्यों में बिजली आपूर्ति बहाल करने को लेकर प्रदेश सरकार खुद बदनामी तक का दंश झेल राहा है। चूंकि राज्य के अंदर बिजली आपूर्ति को लेकर किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं है। इसलिए गंभीर बिजली आपूर्ति संबंधित विषयों पर सरकार को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। हां यह अलग विषय है कि बिजली आपूर्ति में कभी कभी तकनीकी समस्याओ के चलते लोगों को कुछ समय के लिए बिजली संबंधित समस्याओ से दो चार होना पड़ता है। अब तकनीकी समस्याओ का समाधान राजनीतिक दृष्टिकोण से तो नहीं किया जा सकता है लिहाजा तकनीक से ही इस समस्या से निजात पाया जाता है। जिला में विधुत आपूर्ति को लेकर विधुत वितरण कंपनी छत्तीसगढ़ के अधिकारी और कर्मचारी दिन रात मेहनत कर रहे हैं जिसके चलते जंहा पर भी बिजली आपूर्ति को लेकर समस्या आती है वंहा पर तत्काल बिजली आपूर्ति बहाल करने को लेकर कार्य करते रहे है। चूंकि राज्य में कांग्रेस पार्टी की मौजूदा सरकार है अतः सत्ता धारी राजनीतिक दलों के नेताओं ने बिजली आपूर्ति में भी राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि कर कभी कभी विभाग को बदनाम करने का प्रयास किया है। गौरतलब हो कि कुछ दिन पहले जिला के कंवर चौकी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत पलारी निवासी उतम साहू के घर की बिजली विद्युत् विभाग के कर्मचारियों ने बैगर कारण बताए कांट दिया, जबकि यह पूर्ण रूप से गैरकानूनी है। यानी कि सीधे शब्दों में कहें तो विद्युत विभाग की यह कृत्य सराशर दादागिरी है। हालांकि पिड़ित व्यक्ति के द्वारा विभाग के कर्मचारी को पुछने पर फोन में स्थानीय विधायक का हवाला देने की बात कही गई,लेकिन हमारे द्वारा फोन में विधायक का नाम लेने वाले कर्मचारी को पुछा गया तब उसकी बोलती बंद हो गई।
चूंकि विद्युत कनेक्शन को कांटा गया था लिहाजा सवाल का जवाब बनता है आखिरकार बिजली आपूर्ति भंग करने में किसका हाथ है। वंही जिला में पदस्थ पुलिस वाले की गुंडई और बदसलूकी का एक और मामला सामने आया है। उक्त मामले में नशे चूर से आहत एसआई ने चड्डी और बनियान पहनकर देवरी विद्युत सब स्टेशन के कनिष्ठ अभियंता उपेंद्र कुमार के साथ शनिवार रात गाली गलौज कर मारपीट किया है। हालांकि मामले की गंभीरता को समझते हुए शासन और प्रशासन ने कार्यवाही को विधीवत् जारी रखा है। चूंकि यह मामला बवाल से संबंधित है अतः इसमें कार्यवाही करने हेतू जिला प्रशासन के अधिकारी खुद सामने आगे आकर कार्यवाही कर रहे है,जबकि गुरूर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत पलारी वाले मामले में विद्युत विभाग सहित जिला प्रशासन से जुड़े हुए अधिकारीयों की बोलती बंद है। अब जैसा कि हमारे द्वारा बताया गया है कि किसी भी राजनीतिक दल को सत्ता में दोबारा वापसी हेतू तीन कार्य अनिवार्य रूप से करना होता है उन तीनों कार्यों की समीक्षा हमारे द्वारा कर दिया गया है। बांकी हमारे पाठक तय करें कि आम जनता से जुड़े हुए इन तीन कार्यों पर मौजूदा सरकार की कार्यपद्धति कैसी रही।
चूंकि विद्युत कनेक्शन को कांटा गया था लिहाजा सवाल का जवाब बनता है आखिरकार बिजली आपूर्ति भंग करने में किसका हाथ है। वंही जिला में पदस्थ पुलिस वाले की गुंडई और बदसलूकी का एक और मामला सामने आया है। उक्त मामले में नशे चूर से आहत एसआई ने चड्डी और बनियान पहनकर देवरी विद्युत सब स्टेशन के कनिष्ठ अभियंता उपेंद्र कुमार के साथ शनिवार रात गाली गलौज कर मारपीट किया है। हालांकि मामले की गंभीरता को समझते हुए शासन और प्रशासन ने कार्यवाही को विधीवत् जारी रखा है। चूंकि यह मामला बवाल से संबंधित है अतः इसमें कार्यवाही करने हेतू जिला प्रशासन के अधिकारी खुद सामने आगे आकर कार्यवाही कर रहे है,जबकि गुरूर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत पलारी वाले मामले में विद्युत विभाग सहित जिला प्रशासन से जुड़े हुए अधिकारीयों की बोलती बंद है। अब जैसा कि हमारे द्वारा बताया गया है कि किसी भी राजनीतिक दल को सत्ता में दोबारा वापसी हेतू तीन कार्य अनिवार्य रूप से करना होता है उन तीनों कार्यों की समीक्षा हमारे द्वारा कर दिया गया है। बांकी हमारे पाठक तय करें कि आम जनता से जुड़े हुए इन तीन कार्यों पर मौजूदा सरकार की कार्यपद्धति कैसी रही।