तांदुला जलाशय में 89% पानी,रबी में धान के लिए नहीं छोड़े जायेंगे पानी।

                 विनोद नेताम                       
   बालोद : फसल चक्र को बढ़ावा देने हेतू राज्य सरकार लगातार दलहन और तिलहन जैसी फसलों को उगाने हेतू किसानों को प्रोत्साहित कर रहे है। जिला के ज्यादातर रबी की सीजन के दौरान लंबे समय से धान की फसल उगाते हुए आ रहे है। लगातार किसानों के द्वारा धान की फसल उगाने से जिला में भयंकर रूप से भूमि गत जल संग्रहण में कमी देखने को मिल राहा है। हाल के दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरूर भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम के दौरान अंचल की भूमि गत जल में कमी पर चिंता जाहिर किया था। हालांकि इस वर्ष जिले में लगातार अच्छी बारिश हुई है जिसके कारण तादुंला,गोंदली,खरखरा,मटियामोती कुल 4 बड़े जलाशयों में 95% पानी से लबालब भर चुका है। इसके अलावा छोटे छोटे जलाशयो में लगभग 86% पानी भरा हुआ है। पानी की भरावट बांधों और जलाशयों में देखकर भाजपा नेताओं ने रबी सीजन में धान की फसल हेतू इन जलाशयों और बांधों से पानी छोड़ने की मांग कर रहे है। गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में रबी की सीजन के दौरान धान की जगह दलहन और तिलहन और अन्य फसलों को पानी दिया जायेगा। ऐसे में भाजपा नेताओं की इस मांग को सिंचाई विभाग बालोद की ओर से भी  हरिझंडी नहीं मिल सकी है।                  सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मानें तो रबी सीजन में दलहन तिलहन फसल जैसे चना, गेहूं, मसूर, अरहर,सरसों, अलसी, सोयाबीन सूरजमुखी,के लिए पानी दिया जायेगा। कुछ साल पहले जिला के किसान दलहन और तिलहन की अच्छी खासी फसल रबी सीजन के दौरान उगाया करते थे लेकिन धान की अधिक मांग ने किसानों को रबी सीजन के दौरान दलहन और तिलहन की फसल उगाने से दूर कर रखा है। मौसम की बिगड़ती हुई सेहत भी काफी हद तक जिम्मेदार है किसानों को रबी सीजन में धान की फसल उगाने हेतू। बहरहाल भाजपा के नेताओं ने रबी सीजन के दौरान धान की फसल हेतू पानी नहीं छोड़ने की स्थिति में आंदोलन करने की चेतावनी दिया है।