-->
Flash News

TOP BHARAT NEWS TEAM एक 24X7 LIVE STREAM TV NETWORK है, जिसमें पत्रकारों की टीम 24 घंटे छत्तीसगढ़ समेत देश की बड़ी व महत्वपूर्ण खबरे पोस्ट करती है। हमारे टीम के द्वारा दी जाने वाली सभी खबरें या जानकारियां एक विशेष टीम के द्वारा गहन संसोधन (रिसर्च) के बाद ही पोस्ट की जाती है . .... । TOP BHARAT NEWS All RIGHT RESEVED

हसदेव अरण्य के जंगलों में वृक्षों की कटाई को लेकर एक बार फिर बवाल,

     @विनोद नेताम 
छत्तीसगढ़ राज्य के वरिष्ठ मंत्री टी एस सिंहदेव ने तीन नए खदान को रद्द करने हेतू विगत दिनों मिडिया के समझ दिया था बयान। उक्त बयान में टी एस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का हवाला देते हुए वाहवाही बटोरने की भरसक कोशिश की थी। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद एवं युवराज राहुल गांधी उर्फ़ पप्पू भी आदीवासियों से हसदेव अरण्य अभ्यारण क्षेत्र में स्थित जंगल को नहीं उजाड़ने का झूठी जूमला विधानसभा चुनाव के ठीक पहले चुनाव जितने के मंशा से परोस चुके है। कांग्रेस पार्टी की सरकार राज्य में बनने के बावजूद हसदेव अरण्य अभ्यारण क्षेत्र के जंगलों को कांटने से नहीं रोका जा सका है। लिहाजा हसदेव अरण्य में आदीवासी लाखों पेड़ों की कटाई और नई खदानों की विरोध कर रहे है। मंत्री टी एस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हवाले था कि नए खदान नहीं खोले जाएंगे। जबकि छत्तीसगढ़ के हसदेव क्षेत्र में कोल ब्लॉक के लिए मंगलवार सुबह एक हजार से अधिक पुलिस बल की तैनाती कर प्रशासन और वन विभाग के अमले ने पेड़ों की कटाई शुरू करा दी है। पेड़ों की कटाई और कोयला खदान खोलने का विरोध ग्रामीण वर्षों से कर रहे हैं। एक साल से अधिक समय से ग्रामीणों धरने पर बैठे हैं। शायद कांग्रेस पार्टी के नेता केन्द्र के खिलाफ सिर्फ उनके द्वारा किए जा रहे धरना को धरना मानकर चल रही है जिसके चलते उन्हें छत्तिसगढ़ राज्य के अंदर मौजूद लोगों के द्वारा किए जा रहे धरना इन्हें नजर नहीं आता है।  राजनैतिक बयानबाजी के बीच मंगलवार तड़के पेड़ों की कटाई का विरोध करने वाले ग्रामीणों के नेतृत्वकर्ताओं को पुलिस ने घरों से उठा लिया। 4 गांवों को घेरकर जंगल में कड़ी सुरक्षा के बीच घाटबर्रा क्षेत्र में पेड़ों की कटाई शुरू कराई गई है। मौके पर विरोध करने वाले ग्रामीण भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। पुलिस ने आसपास के इलाके को छावनी बना दिया है। पेड़ कटाई को लेकर तनाव की स्थिति बन गई है। वंही हसदेव अरण्य अभ्यारण क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क को भी बाधित करने की खबर प्राप्त हो रही है।
बता दें कि राजस्थान विद्युत निगम लिमिटेड को आवंटित परसा-केते कोल ब्लॉक के दूसरे चरण में परसा ईस्ट केते बासेन एक्सटेंशन खदान के लिए स्वीकृति वर्ष 2012-13 में दी गई थी। वर्ष 2019 में फारेस्ट क्लीयरेंस दिया गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रायपुर आने के बाद भूपेश सरकार ने इस खदान के लिए एनओसी दे दी है। परसा ईस्ट केते बासेन परियोजना में कुल चार गांवों परसा, हरिहरपुर, घाटबर्रा एवं फतेहपुर की निजी और राजस्व की जमीनों के साथ ही वनभूमि को मिलकार 2711 हेक्टेयर भूमि पर शामिल है। खदान के विस्तार से घाटबर्रा गांव को पूरी तरह से विस्थापित किया जाएगा।


सुबह होने से पहले विरोध करने वाले हिरासत में
ग्रामीणों के मुताबिक पुलिस ने मंगलवार को सुबह होने से पहले ही खदान के विरोध में आंदोलन कर रहे डेढ़ दर्जन लोगों को हिरासत में ले लिया है। इनमें घाटबर्रा सरपंच जयनंदन सिंह पोर्ते, पतुरियाडांड सरपंच उमेश्वर सिंह अर्मो, बासेन सरपंच श्रीपाल सिंह, साल्ही के ठाकुरराम कुसरो, आनंद कुमार कुसरो, पुटा के जगरनाथ बड़ा, राम सिंह मरकाम, बासेन के श्याम लाल शिव प्रसाद सहित अन्य ग्रामीण नेता शामिल हैं जो वनों की कटाई का विरोध कर रहे थे। यहां करीब 10 दिनों पूर्व भी पेड़ों की कटाई के लिए फोर्स लगाई गई थी, लेकिन तब मुख्यमंत्री तक बात पहुंचाई गई और फोर्स को हटा लिया गया।

फोर्स की मौजूदगी में काटे जाएंगे 45 हेक्टेयर में पेड़
सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार ने कहा कि पेड़ों की कटाई वनविभाग द्वारा कराई जा रही है। अभी 45 हेक्टेयर के जंगल काटे जाएंगे। उसके बाद 1100 हेक्टेयर का एक और जंगल काटा जाएगा। घाटबर्रा में खनन 3 साल बाद होना है। प्रशासन ने पेड़ों की कटाई के लिए प्रभावित 4 गांवों फतेहपुर, हरिहरपुर, घाटबर्रा और परसा इलाके में करीब एक हजार से ज्यादा पुलिस बल लगाकर क्षेत्र को छावनी बना दिया है। यहां जंगल के इलाके मे लोगों को जाने की मनाही है। इस कारण विरोध करने वाले नहीं पहुंच पा रहे हैं। मीडिया को भी जंगल में जाने नहीं दिया जा रहा है।

4 गांवों और जंगल की जमीन, 2 लाख पेड़ काटे जाएंगे
राजस्थान के विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित परसा कोल ब्लाक के डेवलेपमेंट एवं माइनिंग का ठेका अडानी इंटरप्राइसेस के हाथों में है। पहले चरण में परसा कोल ब्लॉक में 841 हेक्टेयर जंगल की भूमि से पेड़ों की कटाई की गई थी। दूसरे चरण में परसा ईस्ट-केते-बासेन कोल ब्लॉक में कुल 2711 हेक्टेयर क्षेत्र में कोल उत्खनन की मंजूरी दी गई थी। इसमें 1898 हेक्टेयर भूमि वनक्षेत्र है, जिसमें परसा, हरिहरपुर, फतेहपुर और घाटबर्रा के 750 परिवारों को विस्थापित करने का प्रस्ताव है। अनुमान के मुताबिक पीकेईबी में 2 लाख पेड़ काटे जाएंगे।


CM ने कहा था-बाबा नहीं चाहेंगे तो नहीं कटेगी डंगाल
पीकेईबी खदान के विरोध का समर्थन करते हुए मंत्री टीएस सिंहदेव ने ग्रामीणों के समक्ष कहा था कि गोली चली तो पहली गोली मुझे लगेगी। मंत्री के इस बयान के बाद भूपेश बघेल ने कहा कि बाबा साहब (टीएस सिंहदेव) का बयान आया है कि पहली गोली मुझे लगेगी। गोली चलने की नौबत ही नहीं आएगी, जो गोली चलाएगा पहले उन पर ही गोली चल जाएगी। सीएम बघेल ने स्पष्ट कर दिया था कि यदि बाबा नहीं चाहेंगे तो पेड़ तो क्या एक डंगाल भी नहीं कटेगी। 4 दिनों पूर्व ही टीएस सिंहदेव ने बयान दिया था कि हसदेव क्षेत्र में नई खदानें नहीं खुलेंगी। अब सरकार के संरक्षण में ही पेड़ों की कटाई शुरू हो गई है।

anutrickz

TOP BHARAT

@topbharat

TopBharat is one of the leading consumer News websites aimed at helping people understand and Know Latest News in a better way.

GET NOTIFIED OUR CONTENT