रायपुर डेस्क विनोद नेताम :- छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विगत कई महीनों से प्रदेश के अंदर अपनी सरकार की मौजूदा छवि को टटोलने के साथ-साथ सरकार की योजनाओं का प्रचार और प्रसार करते हुए पूरे राज्य भर में भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम आयोजित कर रहे है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम पर ज्यादातर लोगों की राय है कि मौजूदा सरकार आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मतदाताओं को रिझाने हेतू यह प्रयोजित कार्यक्रम को प्रदेश की भूमि पर फलीभूत करने की प्रक्रिया में जुटी हुई है। वंही सरकार की मंशा रहेगी कि वह इस भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम के जरिए आम मतदाताओं की बने और बिगड़े हुए रूख को आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक बार पुनः समेट सकें, ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल के पक्ष में मतदान कर सके। चूंकि आगे आने वाले दिनों में छत्तिसगढ़ राज्य अंतर्गत विधानसभा सभा चुनाव सम्पन्न होना है। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आम जनता के बीच अपनी सरकार की छवि को बेहतर दिखाने हेतू सरकार की योजनाओं को गीना रही है। इस कार्यक्रम के जरिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोगों से मिलकर अपनी सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में प्रचार करते हुए लोगों से योजनाओं को लेकर फिडबैक भी ले रहे है,साथ ही लोगों से अपील भी कर रहे है कि कोई कमी रह गई है तो बताएं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा आयोजित भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम की जबदस्त कामयाबी को देखते हुए कांग्रेस पार्टी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल काफी हद तक आस्वस्त है कि प्रदेश में रहने वाले मतदाताओं के मध्य उनकी सरकार की छवि बेहतर है। निश्चित रूप से मुख्यमंत्री भूपेंश बघेल की यह सोंच उनकी सरकार के द्वारा किए गए कार्यों को लेकर हो सकती है। चूंकि सरकार के द्वारा किए गए कार्यों का फैसला आम जनता समय पर करती है लिहाजा भूपेश बघेल सरकार के द्वारा लगाई जा रही स्नू पाउडर आगामी चुनाव में क्या वाकई कांग्रेस पार्टी की चेहरा की चमक बरकरार रख पायेगी फिलहाल यह कहना जल्दबाजी होगा। कांग्रेस सरकार के हिसाब से यदि देखें तो छत्तिसगढ़ राज्य की भूमि पर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने राज्य में घुरवा के दिन तक को भी बौरा दिया है वंही गोबर को गुड़ बना दिया है। निश्चित रूप से राज्य के अंदर विकास की रफ्तार को बनाए रखने में कांग्रेस पार्टी की सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में बेहतर कार्य करने का प्रयास किया है। जिसके बावजूद इस सरकार के कार्यकाल के दौरान कई ऐसे भी कारनामे हुए हैं,जिसके चलते भूपेश बघेल की सरकार को जनता के सामने जवाब देना मंहगा पड़ रहा है।
भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम बालोद सफल या असफल?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विगत दिनों बालोद जिला में भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम के सिलसिले में जिले के तीनो विधानसभाओं का बारी बारी से दौरा किया है। भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम के दौरान जिले वासियों में खासा उत्साह देखने को मिला है। वंही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बालोद जिला के तीनो विधानसभाओं में अपनी छाप छोड़ने में बखूबी सफल हुए हैं। इस बिच जिला प्रशासन बालोद की प्रशासनिक ढांचा को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कई दफा चिंतित दिखे खास तौर पर अवैध सट्टा कारोबार और अवैध शराब बिक्री से संबंधित जुड़े विषयों पर मुख्यमंत्री सिर्फ रट्टा रटाए जवाब दूहराते नजर आए। विदित हो कि जिला के तीनो विधानसभाओं में यह अवैध कारोबार चरम पर है। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा रट्टा रटाए जवाब जनता के समक्ष प्रस्तुत करना निहायत ही कानून व्यवस्था और कांग्रेस पार्टी की सरकार के गाल पर तमाचा है। गौरतलब हो कि उक्त दोनों अवैध कार्यों के चलते सरकार की छवि लगातार खराब हो रही है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की सरकार के लिए इस कारोबार को रोकना नाक का सवाल है। यदी समय रहते हुए इन अवैध कार्यों पर सरकार पाबंद नहीं लगा पाती है। उस स्थिति में आगे आने वाला विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए उतना ज्यादा अच्छा नहीं माना जा राहा है। भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम को सफल बनाने हेतू प्रशासानिक हेतू जिला के तीनो विधानसभाओं में कांग्रेस पार्टी और मौजूदा सरकार एवं जिला प्रशासन की ओर से जबदस्त तैयारियां की गई थी जिसके बावजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कुछ ऐसे लोग मिल नहीं पायें या अपनी बात नहीं रख पायें है। इनकी मानें तो बालोद जिला प्रशासन ने अब तक सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गुरूर आगमन के दौरान एक महिला जो विगत कई महीनों से जिला प्रशासन के समक्ष न्याय की गुहार लगा रही है उन्हें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने के पहले दबोच लिया। हालांकि वह महिला विगत कई महीनों से मुख्यमंत्री भूपेंश बघेल से मिलने हेतू मस्क्त्त कर रही थी। वंही जिला में कई नेताओं को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस कार्यक्रम के दौरान थाना में बिठा दिया गया था। अब ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह कार्यक्रम कितना सफल राहा और कितना असफल यह स्वंय विचार करें।