दल्लीराजहरा- इंद्र कुमार मेघवाल की हत्या के विरोधमें और जाति गत घृणित भावना से ग्रसित छैल सिंह राजपूत कोफ़ांसी देने के नारों से राजहरा नगर गूंज उठा। ज्ञातव्य है कि 20/7/2022 को तीसरी कक्षा के 9 वर्षीय छात्र को स्कूल के हेड मास्टर के घड़े से अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी पीने के कारण हेडमास्टर ने मार मार कर आंख व कान के पर्दे को बुरी तरह क्षति ग्रस्त कर दिया। जिससे उसकी तबियत बिगड़ती गई ।अनेकों अस्पताल से इलाज कराने के बाद भी उसमें कोई सुधार नहीं हुआ और अंततः इंद्र कुमार ने दम तोड़ दिया। आजादी के 75 साल गुजर जाने व आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के बाद भी मनुवादियों के दिल और दिमाग में छुआछूत की भावना भरी पड़ी है जाति है कि जाति नही। उक्त घटना से राजहरा नगर के सामाजिक व मजदूर संगठनों के सदस्यों में भारी आक्रोश देखा गया ।इस घटना की निंदा और भविष्य में पुनरावृति न हो इसके लिए संगठित रूपसे राजहरा नगर के बुद्धिजीवियों, सामाजिक व मजदूर संगठन के पदाधिकारियों महिलाओं बच्चों हुजूम डॉ आंबेडकर भवन गोंडवाना भवन में एकत्रित हुए और रैली के रूप में जैन भवन चौक में इकठ्ठे होकर अपने अपने झंडे के साथ गगन भेदी लगाते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व दल्लीराजहरा जिला बालोद को ज्ञापन सम्माननिया महामहिम राष्ट्रपति महोदया,विजय सांपला अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग दिल्ली, अशोक गहलोत मुख्यमंत्री राजस्थान के नाम सौंपा गया ।जिसमें छुआछूत की भावना से ग्रसित हत्या आरोपी छैल सिंह को फास्ट्रेक कोर्ट के द्वारा फांसी देने, पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता के साथ परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई।
ज्ञापन के साथ ही दलित,वंचित,अल्पसंख्यक व अनुसूचित जन जाति वर्गों पर लगातार हो रहे अन्याय अत्यचार के विरुद्ध न्याय प्राप्त करने में जद्दोजहद व आ रही न्यायिक प्रक्रिया के द्वारा न्यायालय के नाकामी पर रोष व्यक्त किया गया।जिससे सँविधान प्रदत्त समानता के अधिकारों से इन वर्गों को वंचित किया जा रहा है। इस बात पर चिंता व्यक्त की गई कि न्यायालय के संरक्षण के अभाव में समाज में विपन्नता व निरीहता की स्थिति उतपन्न हो गई है। जो लोकतंत्रात्मक देश के लिए खतरा है। देश में बहुचर्चित घटनाओं का जिक्र कर शासन प्रशासन को आगाह किया गया।बिलकिस बानो 5 माह की गर्भवती महिला के साथ सामूहिक बलात्कार कर उनके परिजनों की हत्या करने वाले अपराधियों को स्वतंत्रता दिवस के दिन जेल से रिहा करना और उनको मिठाई खिलाकर स्वागत करना नैतिक चरित्र के पतन की पराकाष्ठा है।जो न्यायिक चरित्र को शर्मशार करने वाली घटना है।
भीमकोरे गांव की घटना के दौरान बुद्धिजीवी लेखकों, विचारकों चिंतकों को अनावश्यक जेल में रखा गया है उन्हें तत्काल रिहा करने।छत्तीशगढ़ की आदिवासी नेत्री सोनी सोढ़ी पर अत्याचार अमानवीय व्यवहार करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाही करने।न्याय मांगने की आशा से न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाले
हिमांशु कुमार पर न्यायालय द्वारा 5 लाख का जुर्माना लगाकर न्याय का गला न्यायालय ने ही घोट दिया है।छत्तीसगढ़ की व बहुचर्चित घटना जो न्याय का बाट जोह रही है जामडी पाठ, तुएगोन्दी,पाटेश्वर के मुख्य साजिश कर्ता षड्यंत्रपूर्वक हमला कराने वाले तथाकथित संत बालकदास को उनके अनैतिक कार्यों के कारण अनुसूचित जाति जन जाति अत्याचार निवारण अधिनियमों की धाराओं के तहत गिरफ्तार के जेल भेजा जाए।शासन व प्रशासन पक्षपात करना बंद कर निष्पक्ष कारवाही करने की मांग की गई।
इस अवसर अशोक बाम्बेश्वर, अध्यक्ष सम्यक बौद्ध महासभा, भीमराव भैसारे अध्यक्ष महाप्रज्ञा बुद्धबिहार,जनकलाल ठाकुर अध्यक्ष छत्तीशगढ़ मुक्ति मोर्चा,,पुरुषोत्तम सीमैया सचिव सीटू ,
संतोष घराना अध्यक्ष,सर्व आदिवासी समाज,,अध्यक्ष गोंडवाना कल्याण समिति,अनिल यादव सचिव भा क पा ,सोमनाथ उइके,अध्यक्ष छ ग मा श्र संघ,चार्ली वर्गीस,गोरेलाल बाम्बेश्वर,सत्यनारायण रामटेके,किशोर बाम्बेश्वर राधेलाल मेश्राम, प्रदीप रामटेके गौतम रामटेके,
किशन खोब्रागढ़े,नीलकंठ कामले, ओमप्रकाश,रति राम कोसमा,विनोद मिश्रा, त्रिभुवन बौद्ध,चंद्ररेखा नंदेश्वर,चंद्र शिला ज्योत्स्ना,उषा, सुशीला, शीला ,अमृता सुक्रोतीं नीता कमल रामटेके, रंजना, निर्मला, ममता वाहने,अम्बिका,अरुणा, माया रंगारी,भुनेश्वरी,अनीता,सीता,लता, सुमन,भावना दशोडे लता मेश्राम और संतोष देवांगन उपाध्यक्ष नगर पालिका परिषद की गरिमामयी उपस्थिति रही।
उपरोक्त जानकारी हेमंन्त कान डे अध्यक्ष संयुक्त मोर्चा sc st obc अल्पसंख्यक दल्लीराजहरा ने दी।