धमतरी:-वर्ष 1999 की सर्दियों में पारंपरिक रूप से सीमाई चौकियों को छोड़ देने के दौरान पाकिस्तानी सेना ने कारगिल सेक्टर में छलपूर्वक बेहद ऊँचाई पर स्थित इन चौकियों पर कब्जा जमा लिया था।
अपनी मातृभूमि से घुसपैठियों को बाहर खदेड़ने के लिए भारतीय सेना ने अवैध पाकिस्तानी घुसपैठियों के विरुद्ध आपरेशन विजय चलाया लगभग दो महीने तक चले इस सीमित पारंपरिक युद्ध में सामरिक रूप से बेहद मजबूत मानी जाने वाली ऊंची चोटियों पर कब्जा जमाए दुश्मनों को भारतीय शूरवीरों ने अपने साहस और पराक्रम के दम पर मार भगाया।
यह युद्ध भारतीय सेना के नौजवान अधिकारियों के अद्भुत रणकौशल,अदम्य साहस, वीरता एवं मातृभूमि के प्रति अपना सर्वस्व न्योछावर करने के उनके समर्पण भाव की अद्भुत शौर्य गाथा प्रमाणित हुआ।
जिसने भारतीय सेना की महान परंपरा एवं गौरवशाली विरासत को एकबार पुनः वैश्विक पटल पर मजबूती से स्थापित किया।
इस घटनाक्रम ने देश के कई हमारे ऐसे सैनिक जो मातृभूमि के लिए अपने जान न्यौछावर कर दिए उनका परिवार छिन्न भिन्न हो गया।उस परिवार के एक एक सदस्य के सपने चूर चूर हो गए।माँ की कोख सुनी हो गई,पिता के अरमान समाप्त हो गए ,पत्नी की सिंदूर मिट गया,बच्चे अनाथ हो गए,बहनों की राखी का इंतज़ार समाप्त हो गया और पता नही क्या क्या सपने सब अधूरे हो गए।
आज के दिन हमें ऐसे सभी सैनिक परिवार की चिंता करने के लिए संकल्पित होने का दिन है।उन्होंने जो खोया है उसे वापस तो नही लौटा सकते परंतु उनके पास जाकर उन्हें एक नई मुस्कान देने का प्रयास जरूर कर सकते है।