बालोद: जिला मुख्यालय के भाटापारा रोशन नगर बालोद मे दिहाड़ी मजदूरी करने वाले परिवारों ने रेल्वे के सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके घर बना लिया है जंहा पर मौजूदा समय के दौरान निवासरत है! इन परिवारों को बिजली कनेक्शन की नितांत आवश्यकता है! वैसे भी देश के अंदर सभी नागरिकों तक बिजली पहुंचे इस आशय से सरकार प्रति वर्ष आम जनता की मेहनत और पसीने से कमाई हुई पैसों का इस्तेमाल करते हुए जनता तक बिजली आपूर्ति पहुंचाने के नियत से रोज कार्य कर रही है ! बालोद विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता की मानें तो अवैध रूप से बसे परिवारो को स्थाई विद्युत कनेक्शन हेतु नगर पालिका बालोद के द्वारा जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र नही दिया जा रहा है। नगर पालिका द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र देने पश्चात स्थाई तौर कनेक्शन दिया जावेगा । उन्होंने बताया की अभी वर्तमान में अस्थायी विद्युत कनेक्शन दिया गया है। अस्थायी कनेक्शन का बिल स्थायी कनेक्शन के बिल से एक गुणा ज्यादा आता है। उक्त परिवारों को आबादी पट्टा आबटंन हो जाने पर स्थायी कनेक्शन दिया जा सकता है। ज्ञात हो,कि यह नियम काफी अरसा से राज्य में लागू है,जिसके बावजूद लोग नियम विरुद्ध कार्य करते हैं
, जिसके बाद शासन और प्रशासन से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने हेतू गुहार लगाते है!कई बार स्थिति परिस्थिति के अनुसार शासन प्रशासन कुछ लोगों को कई मामलों में छूट दे देता है जिसका फायदा अन्य लोग भी उठाने के फिराक में लगे रहते हैं ! वैसे देखा जाए तो जिला में असंख्य लोग अवैध तरीके से मकान बना कर काबिज है, जिनकी घरों में बिजली का कनेक्शन बकायदा विधुत विभाग के द्वारा आंबटित की गई है!अब सभी की स्थिति और परिस्थिति खराब रही हो जिसके चलते विधुत विभाग मेहरबान हुआ हो यह कहा नहीं जा सकता है! बहरहाल ज्यादातर अवैध तरीके से विधुत कनेक्शन लेने वाले लोग राज्य से बाहर के लोग हैं,जिन्हें शासन और प्रशासन के द्वारा यह लाभ दिया गया है!एक ओर प्रदेश की आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने हेतू सालों साल इंतजार करना पड़ रहा है ऐसे में राज्य के बाहर से आकर बसने वाले लोगों को इस तरह से सुविधा प्रदान करना कई सवालों को जन्म देता है!सूत्रों की मानें तो जिला मुख्यालय बालोद के अंदर बाहरी राज्यों से आकर बसने वाले लोगों की लंबी पैरिस्ट मौजूद है! जिनके पास जमीन व मकान संबंधित सरकारी वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं है!जिसके बावजूद उन्हें जिला में कोई परेशानी नहीं होती है,अलबत्ता शासन की योजनाओं का लाभ भी उन्हें कई दफ्फा औरौ के मुकाबले पहले मिल राहा है!सभी भारतीय नागरिको को समान अधिकार मिले ताकी समाज में समानता बरकरार रहे वैसे उक्त मामले में बालोद नगर पालिका के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र आवेदनकर्ताओं जारी नहीं करना एक जिंदा सवाल को जन्म देता है, क्योंकि यह वही बालोद नगर पालिका है'जंहा पर सैकड़ों परिवार अटल आवास योजना के अंदर निवास करते हुए भरपूर बिजली आपूर्ति का लाभ उठा रहे है! सूत्रों की मानें तो अटल आवास योजना किसी व्यक्ति विशेष की प्राईवेट जमीन पर बनाई गई है जिसकी मालिकाना अधिकार हेतू उक्त व्यक्ति विशेष के द्वारा कोर्ट में याचिका दायर की गई है! ऐसे में विधुत विभाग को नगर पालिका बालोद के विषय में भी संज्ञान लेने की जरूरत है वंही विधुत विभाग को अटल आवास योजना के अंतर्गत रहने वाले परिवारों के द्वारा प्रेषित की गई अनापत्ति प्रमाण पत्र को एक बार पुनः अवलोकन करने की आवश्यकता है ताकि विभाग को नियम और शर्तें लागू करने के दौरान किसी भी परेशानियों का सामना ना करना पड़े!
, जिसके बाद शासन और प्रशासन से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने हेतू गुहार लगाते है!कई बार स्थिति परिस्थिति के अनुसार शासन प्रशासन कुछ लोगों को कई मामलों में छूट दे देता है जिसका फायदा अन्य लोग भी उठाने के फिराक में लगे रहते हैं ! वैसे देखा जाए तो जिला में असंख्य लोग अवैध तरीके से मकान बना कर काबिज है, जिनकी घरों में बिजली का कनेक्शन बकायदा विधुत विभाग के द्वारा आंबटित की गई है!अब सभी की स्थिति और परिस्थिति खराब रही हो जिसके चलते विधुत विभाग मेहरबान हुआ हो यह कहा नहीं जा सकता है! बहरहाल ज्यादातर अवैध तरीके से विधुत कनेक्शन लेने वाले लोग राज्य से बाहर के लोग हैं,जिन्हें शासन और प्रशासन के द्वारा यह लाभ दिया गया है!एक ओर प्रदेश की आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने हेतू सालों साल इंतजार करना पड़ रहा है ऐसे में राज्य के बाहर से आकर बसने वाले लोगों को इस तरह से सुविधा प्रदान करना कई सवालों को जन्म देता है!सूत्रों की मानें तो जिला मुख्यालय बालोद के अंदर बाहरी राज्यों से आकर बसने वाले लोगों की लंबी पैरिस्ट मौजूद है! जिनके पास जमीन व मकान संबंधित सरकारी वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं है!जिसके बावजूद उन्हें जिला में कोई परेशानी नहीं होती है,अलबत्ता शासन की योजनाओं का लाभ भी उन्हें कई दफ्फा औरौ के मुकाबले पहले मिल राहा है!सभी भारतीय नागरिको को समान अधिकार मिले ताकी समाज में समानता बरकरार रहे वैसे उक्त मामले में बालोद नगर पालिका के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र आवेदनकर्ताओं जारी नहीं करना एक जिंदा सवाल को जन्म देता है, क्योंकि यह वही बालोद नगर पालिका है'जंहा पर सैकड़ों परिवार अटल आवास योजना के अंदर निवास करते हुए भरपूर बिजली आपूर्ति का लाभ उठा रहे है! सूत्रों की मानें तो अटल आवास योजना किसी व्यक्ति विशेष की प्राईवेट जमीन पर बनाई गई है जिसकी मालिकाना अधिकार हेतू उक्त व्यक्ति विशेष के द्वारा कोर्ट में याचिका दायर की गई है! ऐसे में विधुत विभाग को नगर पालिका बालोद के विषय में भी संज्ञान लेने की जरूरत है वंही विधुत विभाग को अटल आवास योजना के अंतर्गत रहने वाले परिवारों के द्वारा प्रेषित की गई अनापत्ति प्रमाण पत्र को एक बार पुनः अवलोकन करने की आवश्यकता है ताकि विभाग को नियम और शर्तें लागू करने के दौरान किसी भी परेशानियों का सामना ना करना पड़े!