@विनोद नेताम
कुछ दिन पहले कोंडागांव जिला के केशकाल अंतर्गत बडगई में घटित किये गये मानवता को शर्मसार करने वाली घटना ने हमारी सभ्य समाज को एवं बस्तर को कलंकित करने के साथ साथ सरकार और उसकी प्रशासनिक व्यवस्था एवं पुलिस के कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खडा करती है| केशकाल विधानसभा के आदिवासी समाज के पूर्व विधायक कृष्ण कुमार ध्रुव एवं अंचल क्षेत्र के सभी बुद्धिजीवियों ने बडगई में घटित हुई घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुये कहा है की इस दुखद दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने शर्मसार कर दिया है ! जिसकी जितनी निंदा किया जाये और इस अपराध में संलिप्त लोगों के खिलाफ जितनी भी सख्त कार्यवाही किया जाने वह कम ही होगा| लोगों ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि 11 जून को दिनदहाड़े सार्वजनिक जगह पर खुली बैठक आयोजित कर इतनी बडी घृणित घटना घट गयी और पुलिस इस पर तीन दिन बाद कार्यवाही आरंभ करती है जिससे पुलिस के खुफिया तंत्र एवं सजगता सक्रियता पर सवाल खडा होता है! पुलिस देर सबेर जाग भी गयी और कार्यवाही भी आरंभ कर दी 6 दिन बीत जाने के बाद प्रशासन की तरफ से किसी परिंदा का गांव तक न पंहुचना समाज के समक्ष लालर सिस्टम जिसकी जिम्मेदारी वाली पैर कांट दी गई हो उसकी प्रत्यक्ष प्रदर्शनिय है ! वंही छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिला अंतर्गत गुरूर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पिकरीपार व मालगांव सहित विगत कुछ पहले घटित सूरडोंगर की घटनाएं भी समाज के बीच समानांतर सरकार चलाने वाले लोगों की मानसिकता को उजागर करता है ! दरअसल जिला के बालोद थाना क्षेत्र अंतर्गत मालगांव सरपंच को ग्रामीणों के द्वारा ग्रामीण व्यवस्था से अलग कर दिया गया है ,तो वंही जिला के गुरूर विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत पिकरीपार पंचायत में ग्राम समिति से जुड़े हुए लोगों ने जमीन विवाद संबंधित विषयों को लेकर पेमीन साहू पति उतम साहू को ग्रामीण व्यवस्था से अलग कर दिया साथ ही ग्राम के अन्य तीन चार और परिवार है उन्हें भी किसी कारणवश ग्रामीण व्यवस्था से अलग कर दिया गया है । पेमीन साहू ने उन्हें बहिष्कृत किए जाने संबंधी विषयों को लेकर जिला प्रशासन को अवगत कराया है ,जिस पर जिला प्रशासन की ओर से जांच कर उन्हें न्याय दिलाने की अश्वासन दिया गया है ! ग्रामीण अंचल क्षेत्रों के ग्राम समितियों से जुड़े हुए लोगों के द्वारा लगातार किए जा रहे इस तरह अनैतिक गतिविधियों से शासन और प्रशासन की नींद उड़ा कर रख दिया है । जिस पर संज्ञान लेते हुए गुरूर एस डी एम श्री मती रश्मि वर्मा ने ग्रामीण अंचल क्षेत्रों के समस्त ग्राम कोटवार के माध्यम से गांव गांव में मुनादी कराते हुए ग्राम समितियो को ग़लत तरीके से निर्णय लेने से बचने का आव्हान किया है । इससे पूर्व कई बार ग्राम पंचायत स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा ग्राम समितियों को ऐसे निर्णय लेने हेतू आगाह किया जाता रहा है , जिसके बावजूद इस तरह की धारणा आज भी ग्रामीण समितियों के मध्य विराजमान है यह गंभीर चिंता का विषय है ! बहरहाल इस तरह की समाजिक अपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले लोगों को सामाजिक दायित्वों से अलग रखना ही उचित होगा ताकि समाज में इस तरह के गतिविधियों को अंजाम देने वाले लोगों को सबक मिले और ऐसे किसी भी कृत्य से समाज को कलंकित होने का मौका ना मिले ! विनोद नेताम की रिपोर्ट ...