रायपुर : हसदेव अरण्य अभ्यारण मामले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ खड़े होकर राजधानी रायपुर में जूम्मा जूम्मा कुछ दिन पहले ही गूफ्तगू की थी ! इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में भारी कोयला संकट की बात कहते हुए ,कहा था कि राजस्थान के साढ़े चार हजार मेगावाट क्षमता की पावर प्लांट बंद होने की कगार पर है यदि राजस्थान को जल्द कोयला नही मिला तो राज्य में अंधेरा छा जायेगा ! मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजस्थान सरकार की मुखिया के साथ मिलकर बार बार कोयला खनन की अनुमति हेतू केन्द्र सरकार की ओर इशारा करते हुए यह बताने के प्रयास में लगे हुए रहे ,कि सारा किए धरा केन्द्र सरकार का है ! कांग्रेस पार्टी की सरकार इस मामले में सिर्फ केन्द्र सरकार के आदेशों का पालन कर रही है ! मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हसदेव अरण्य अभ्यारण मामले में स्वयं और कांग्रेस पार्टी की भूमिका पर पर्दा डालना चाहते है यह स्पष्ट है ! झूठ कितनी भी ईमानदारी से भी बोला जाए आखिर एक दिन सच का सामना करते ही चूर चूर हो कर टूट जाता है ! स्थानीय लोगों की मानें तो हसदेव अरण्य अभ्यारण क्षेत्र में कोयला खनन की अनुमति कांग्रेस पार्टी की सरकार के सहमति से दिया गया है! जिसकी पूर्ति हेतू राज्य के अधिकारियों से फर्जी ग्रामसभा प्रस्ताव बनवाये गए हैं , जबकि ग्रामवासी फर्जी ग्रामसभा प्रस्ताव की जांच के मांग पर अड़े हुए हैं !छत्तिसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हसदेव मामले लाख झूठे आंकड़े प्रस्तुत पेश कर लें, कितनी भी दलिल प्रस्तुत कर ले हकिकत के धरातल पर छत्तिसगढ़ के सरकार की झूठ का डफरा फट चुका है ! भूपेश बघेल हसदेव अरण्य अभ्यारण मामले को लेकर आज के वर्तमान मौजूदा दौर में कांटों तो खून नहीं वाली कसमस में है ! कुछ दिन पहले तक हसदेव अरण्य अभ्यारण को लेकर आंदोलनरत लोगों को राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि वाले लोग बताते हुए विरोध करने वाले लोगों को अपने घरों से बिजली कांटवाने की सलाह खैरात में बांट रहे थे ! जबकि आज खुद हसदेव अरण्य अभ्यारण को बचाने हेतू यह दलिल प्रस्तुत कर रहे है! हसदेव में पेड़ क्या पेड़ की डंगाल नहीं कांटे जायेंगे ! मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तेवर में अचानक आई बदलाव के कारण लोगों में चर्चा का बाजार गर्म है ! लोगों का मानना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तेवर में अचानक बदलाव के मायने बहुत कुछ है! सबसे पहले तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस पार्टी हाईकमान के साथ अदावत है; जिसके चलते राज्यसभा सांसद चुनाव में सांसद का चयन अधिकार तक राज्य को नहीं मिला ! अलबत्ता प्रदेश भर में छत्तीसगढ़ की सभ्यता और संस्कृति के नाम पर ढोल पिटने वाले मुख्यमंत्री को गैर छत्तिसगढ़ीहा कांग्रेसी नेताओं को मजबूरी में स्वीकार करना पड़ा ! हालांकि कांग्रेस पार्टी हाईकमान का यह फैसला छत्तिसगढ़ के ज्यादातर कांग्रेसी नेताओं को पसंद नहीं आया, जिसके बावजूद छत्तिसगढ़ राज्य के अस्मिता और स्वाभिमान पर दूसरे लोगों को पाठ पढ़ाने वाले सभी कांग्रेसी नेताओं बोलती बंद रही! जबकि पुरे प्रदेश में गाहे-बगाहे कांग्रेस पार्टी की गैर छत्तिसगढ़ के लोगों को छत्तिसगढ़ से राज्यसभा भेजने की फैसले का विरोध होती रही ! कई कांग्रेसी नेता इस हालत का जिम्मेदार भूपेश बघेल को मानते हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में जबरदस्ती बैठे हुए है, जबकि छत्तीसगढ़ सरकार गठन के वक्त कुछ अलग तय हुआ था ! लिहाजा पार्टी हाईकमान भूपेश बघेल की इसी रवैए के चलते इस तरह के फैसले को मंजूरी दिया है ,जिसका विरोध मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं नहीं कर पायें ! ढाई ढाई साल वाली फार्मूला के आधार पर मुख्यमंत्री का तय हुआ था , जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और केबिनेट मंत्री टी एस सिंहदेव मुख्यमंत्री पद के हकदार है ! टी एस सिहदेव के द्वारा हसदेव अरण्य अभ्यारण को लेकर सीधा मैदान में उतरने से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान बाजी में बदलाव यह बताता है , कि कांग्रेस पार्टी प्रदेश में सरकार चलाने के लिए राज्य के आम जनता के हितों के साथ किस तरह से समझौता कर सकती है! मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, टी एस सिंहदेव के हसदेव अरण्य अभ्यारण की जंगलों को बचाने हेतू समर्थन का लाभ शायद इस बार भी अपनी कुर्सी बचाने हेतू करना चाहते है ! राजस्थान की बिजली संकट का ठिकरा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस पार्टी हाईकमान के समझ टी एस सिंहदेव के सर फोड़ने की तैयारी में है शायद ,जिसके चलते टी एस सिंहदेव के बयान पर हां में हां मिला रहे भूपेश बघेल , बहरहाल हसदेव अरण्य अभ्यारण बचाओ संघर्ष समिति ने हसदेव अरण्य अभ्यारण क्षेत्र की सभी कोयला खदान निरस्त होने तक जारी रहेगा आंदोलन यह ऐलान किया है , वंही छत्तिसगढ़ सर्व आदीवासी समाज मामले में छत्तीसगढ़ सरकार और कांग्रेस पार्टी के विरुद्ध हसदेव अरण्य अभ्यारण की जंगलों को बेंचने के विरोध में सड़क पर उतरने की तैयारी में है !