अमित मंडावी
बालोद : छत्तीसगढ़ राज्य जंहा पर कांग्रेस पार्टी प्रदेश ने स्वर्गीय अजित जोगी के नेतृत्व में राज्य की सत्ता को विरासत के रूप में हासिल किया ,और बेहतरीन तरीके से छत्तिसगढ़ राज्य की नींव को मजबूत करने हेतू अनेक कदम उठाए गए हालांकि कुछ दिन बाद अजित जोगी की सरकार प्रदेश की सत्ता से सदा के लिए विदा हो गई, और राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार डा रमन सिंह के नेतृत्व में बनकर सत्ता के सिंहासन पर विराजमान हो गई । इस दौरान कांग्रेस पार्टी की प्रदेश इकाई कई गुटों में तब्दील हो चुका था , रही कसर पूरी कर दी बस्तर में हूए कांग्रेस पार्टी की नेताओं पर नक्सली हमला , जिसमें कई कांग्रेसी नेताओं की गोली मारकर हत्या कर दी गई । कांग्रेस पार्टी के लिए यह बहुत ही मुश्किल वक्त था एक ओर राज्य के बड़े कांग्रेसी नेता स्वर्ग सिधार चुके थे ,तो वंही मारे गए नेताओं को लेकर राजनीतिक लड़ाई करने वाले नेताओं की कमी , ऐसे में छत्तिसगढ़ कांग्रेस कमेटी के अंदर जमीनी स्तर से जुड़े हुए नेताओं को बड़ा मौका मिला ,और लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार के गलत नीतियों की विरोध कर राजनीतिक गलियारों में चर्चा बटोरने में कामयाबी हासिल कर लेते थे ।कुछ ऐसे ही कांग्रेस पार्टी के नेताओं का काम पार्टी आलाकमान को रास आने लगा , परिणामस्वरूप पार्टी में उनका कद बढ़ता गया ,तो वंही अपने साथी का बढ़ते हुए कद को देखकर साथी नेता आपस में एक दूसरे को लेकर आपस में ही जलन करने लगे परिणामस्वरूप कांग्रेस पार्टी छत्तिसगढ़ राज्य में गुटबाजी का शिकार हो गई । पिछली विधानसभा चुनाव के खत्म होने तक यह गुटबाजी सिर्फ पार्टी लेवल तक बनी रही , लेकिन ढाई ढाई साल वाली फार्मूला ने कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी को सरेराह निलाम कर, कर रख दिया है ,जिसकी झलक इन दिनों बालोद जिला में भी देखने को मिल राहा है । विदित हो, कि जिला में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की रविवार को समाजिक कार्यक्रम आयोजित हेतू दौरा है , और ठीक इससे एक दिन पहले प्रदेश में कांग्रेस शासन होने के बावजूद पार्टी की आपसी गुटबाजी आमजनों को साफ दिखाई दे रही है। आपसी गुटबाजी की सीमा बालोद जिले में पार ही हो गयी है। दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान जिले के जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किए जाने पर नाराज़ होकर जनप्रतिनिधि आमजनों के बीच बैठ गए। आपको बता दे के बालोद जिला मुख्यालय के स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल आमापारा बालोद के आडोटोरियम मे राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत जिले के किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए प्रथम किस्त की राशि का आंतरण कार्यक्रम था !
इस कार्यक्रम में जिले के कुछ जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित ही नही किया गया था। वही जिला प्रशासन द्वारा छपवाए गए आमंत्रण कार्ड मे भी जिला पंचायत अध्यक्ष का नाम ही गायब था यही सब वजह थी जिसके कारण जनप्रतिनिधि नाराज हुए।
उक्त कार्यक्रम में आमंत्रित ना करने से नाराज होकर जिला पंचायत अध्यक्ष सोना देवी देशलहरा,जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर, पूर्व जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कृष्णा दुबे, जिला पंचायत उपाध्यक्ष मिथलेश नुरेटी,जनपद अध्यक्ष गुंडरदेही सुचित्रा साहु सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने आमजनों के बीच बैठकर कार्यक्रम में अपनी उपस्थित दी इस दौरान जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी और खुद मुख्य अतिथि ने बार बार उन्हे मंच मे बैठने का आग्रह किया बावजूद इसके जनप्रतिनिधि नही माने और आम जनता के बीच बैठकर ही पुरा कार्यक्रम देखा बता दें इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केबिनेट मंत्री अनिला भेड़िया, संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद और विधायक संगीता सिंन्हा मौजूद थीं आपको बता दे के कई बार ऐसा हुआ है कि जिला प्रशासन से जनप्रतिनिधि नाराज हुए है कई बार मंच मे स्थान नही मिलने तो कभी आमंत्रण नही मिलने से नाराज जनप्रतिनिधियों ने कार्यक्रम के दौरान ही अधिकारियों के सामने ही नराजगी व्यक्त की है।
कल जिले में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम है और इसके एक दिन पुर्व ही बड़े कार्यक्रम से जनप्रतिनिधियों का किनारा करना जिले मे चर्चा का विषय बना हुआ है इस विषय को लेकर जब नाराज जनप्रतिनिधियों से मीडियाकर्मियों ने बात करना चाही तो वे कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आए।