विनोद नेताम की रिपोर्ट
बालोद : भारत गणराज्य जंहा पर सभी धर्मों को समान रूप से धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान हुई है , और यह स्वतंत्रता निश्चित रूप से महान भारत की शान में अबतक चार चांद लगा रही है' यह माना जाता रहा है , लेकिन भारत में विगत कुछ वर्षों के दौरान राजनीतिक विचारधारा ने वर्तमान की परिदृश्य की रूप रेखा को बदल दिया है , जिसके चलते विविधता में एकता जैसी बात को साफ तौर पर दरकिनार करते हुए देखा गया है । भारतीय राजनीति एक ऐसी दलदल है , जिसकी दलदली भूमि में देश की समाजिक समर्थस्ता आज खतरे में मौजूद नजर आती है , जिसके चलते हिन्दू मुस्लिम ,सिख, ईसाई आपस में है सब भाई भाई कह कर नारा लगाने वाले लोगों में जबरदस्त तरीके से गिरावट हुई है ।देश के बहुसंख्य वर्ग अल्पसंख्यकों पर सालों से किसी ना किसी रूप से ही सही शोषण करते आ रहे है , हांलांकि कानूनी कार्रवाईयो के चलते पहले के मुकाबले आज की वर्तमान परिदृश्य में खुलेतौर पर ज्यादा कुछ संभव नहीं है लेकिन देश के अंदर कंही ना कंही आये दिन धार्मिक उन्माद और धर्म के नाम पर हिंसा की घटना घट रही है,इन बढ़ती हुई धार्मिक हिंसाओ को देखकर हर भारतीय को पिड़ा होती है , जिसके बाद में भी इस तरह की घटणा रोज सरकार की नाक के नीचे घट रही है। कट्टरपंथी संगठनों के द्वारा विगत कुछ वर्षों में जगह जगह अपनी उपयोगिता साबित करने हेतू कट्टरपंथी संगठनों की जैसी हरकतों को अंजाम दिया है ,जो कृत्य को इन संगठनों के द्वारा अंजाम दिया गया है , वह कृत्य नियम और कानून के तहत कंहा तक सही है यह एक बड़ा सवाल है । बालोद जिला अंतर्गत तूएगोंदी में विगत 1मई को एक जानलेवा घटना घटित हुआ , घटणा की जिम्मेदार हिन्दू संगठन से जुड़े हुए कुछ लोगों को माना गया , जिनमें से कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है , तो वंही घटणा से जुड़े कुछ लोग फरार भी बताये जा रहे है । मामले में जिला प्रशासन भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है , सूत्रों की माने तो जिला प्रशासन मामले में ज्यादा तूल पकड़ते हुए नही देखना चाहती है , चुपचाप मामला निपट जाए और सब पहले जैसा हो जाए यह चाह जिला प्रशासन की है , लेकिन जिला प्रशासन की सोंच सरकार के लिए मुसिबत भी बनकर खड़ी हो सकती है। यदि किसी भी कारणवश या भूलवश विवाद बढ़ गई तो जिला में बड़ी धार्मिक विवाद की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है ,साथ ही मामले में चुप्पी साध कर चुपचाप मौन व्रत धारण करने वाले अधिकारियों की सामत आ जायेगी इसलिए ज्यादा अच्छा इसी में है ।सर्व आदीवासी समाज और छतिसगढ़ीहा क्रांति सेना ने मामले में 25 मई को बालोद जिला बंद का आह्वान किया है । सर्व आदीवासी समाज और छतिसगढ़ीहा क्रांति सेना ने बाबा रामबालक दास पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए जिला प्रशासन से कानूनानुसार कार्यवाही करने का निवेदन किया है । बाबा रामबालक दास जी के जामड़ी पाटेश्वर धाम को सर्व आदीवासी समाज एवं छतिसगढ़ीहा क्रांति सेना असंवैधानिक और गैर-कानूनी तरीके से मानते हुए छत्तिसगढ़ की समाजिक समर्थस्ता को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है , और इस प्रयास में कट्टरपंथी संगठन एवं कुछ राजनीतिक दलों का हाथ होने की बात कही जा रही है, अब देखना यह है मामले में जिला प्रशासन आगे क्या कार्यवाही करती है , बहरहाल जिला में दोनों पक्षों की ओर से अपनी अपनी ओर से शासन और प्रशासन पर दबाव बनाने हेतू आये दिन प्रयास किया जा रहा है , ऐसे में जिला प्रशासन पर भी गंभीर सवाल खड़े किए जा रहे हैं ।