विनोद नेताम
बालोद : जिला के ग्राम पंचायत निपानी में स्थित चंन्द्राकर आरामिल में आज बालोद वन विभाग की कार्रवाई । प्रतिबंधित अर्जुन वृक्ष का जखीरा निपानी स्थिति आरामिल में पाई गई है । विदित हो कि जिला में लकड़ी व्यापार से जुड़े हुए लोगों के द्वारा लगातार जिला में हरे वृक्षों को बड़ी संख्या में कांटा जा रहा है , जिसके चलते जैव विविधता में बदलाव महसूस किया जा रहा है।
हालांकि सरकार हर वर्ष लाखों करोड़ों रुपए वृक्षारोपण कार्य में खर्च कर रही है, जिसके बावजूद ग्रामीण अंचल क्षेत्रों में लगातार हरे वृक्षों की रोजाना कटाई निर्विरोध जारी है । अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना रवैए के कारण एवं निवछावरखोरी के चलते जिला में वृक्षों की लगातार अवैध कटाई चिंता का विषय है। रोजाना कई ट्रेक्टर एवं मेटाडोर भर कर पार किया जा रहा लकड़ी , जबकि लकड़ी की कटाई हेतू शासन की अनुमति जरूरी होती है । जिला में अर्जुन वृक्ष सबसे ज्यादा कटाई हांलांकि यह वृक्ष संरक्षित वृक्षों की क्षेणी में गीना जाता है । अर्जुन की वृक्ष की छाल से बनाई जाती है कई प्रकार की औषधि , जिला के ढाबा और होटल में अर्जुन वृक्ष को कांट कर बेंच रहे है लकड़ी कोचिया , अतः जिला प्रशासन को होटल और ढाबा संचालकों को लकड़ी की जगह गैस का इस्तेमाल करना चाहिए ताकी पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल सके , वंही राजस्व विभाग को ग्रामीण अंचल क्षेत्रों में लगातार हो रही अवैध वृक्षों की कटाई को रोकने हेतू कड़ी मेहनत करना होगा ,जिससे वृक्षों की अवैध कटाई पर लगाम लग सके ।
बालोद : जिला के ग्राम पंचायत निपानी में स्थित चंन्द्राकर आरामिल में आज बालोद वन विभाग की कार्रवाई । प्रतिबंधित अर्जुन वृक्ष का जखीरा निपानी स्थिति आरामिल में पाई गई है । विदित हो कि जिला में लकड़ी व्यापार से जुड़े हुए लोगों के द्वारा लगातार जिला में हरे वृक्षों को बड़ी संख्या में कांटा जा रहा है , जिसके चलते जैव विविधता में बदलाव महसूस किया जा रहा है।