खाद की भयंकर कमी , चिंता में डूबे अन्नदाता !

 @ अमित मंडावी                
बालोद : छत्तीसगढ़ राज्य अंतर्गत ग्रामीण अंचल क्षेत्रों  में रहने वाले नागरिकों की मुख्य कार्य खेती किसानी से जुड़ी हुई है , लेकिन विगत कुछो वर्षों के दौरान प्रदेश में  मौसम की  लगातार बिगड़ती हुई कारंवा किसानों की माथे पर चिंता की लकीरें खिंच दिया है । बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेरते हुए किसानों को जमकर नुकसान पहुंचाया है । रबी फसल के दौरान उगाई हुई दलहन और तिलहन की फसल लगभग पुरी तरह से नष्ट हो चुकी है ।  किसानों के द्वारा  उगाई हुई  फसल लगभग बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ कर स्वाहा हो गई है ,तो वंही रबी फसल के दौरान धान की खेती करने  वाले किसानों को समय पर रासायनिक खाद के लिए भटकना पड़ रहा है । रासायनिक खाद जिसमें यूरीया ,डीएपी ,व अन्य खाद किसानों की पहुंच से दूर हो गई है , जिसके चलते किसानों को खाद संबंधित समस्या से दो चार होना पड़ रहा है । अंचल के किसानों को समय पर खाद की उपलब्धता नही होने से जंहा एक ओर  किसान चिंतित है, तो वंही किसानों को अधिक मूल्य में खाद बेंच कर कुछ दंबग व्यापारी मोटी कमाई कर रहे है । अधिक किमतो  में खाद खरीदी कर किसानी करने वाले किसानों की लागत इस वर्ष अचानक बढ़ गई है । जिसके चलते  शिकायत किसानों के द्वारा कृषि विभाग के समक्ष लगातार किया जा रहा है ,तो वंही किसानों की शिकायत पर जिला के कृषि विभाग के विकासखंड कृषि अधिकारी गुरूर  के द्वारा गांव गांव घुम घुमकर किसानों से मिल रही शिकायतों को गंभीरतापूर्वक सुनते हुए कार्यवाही भी कर रहे है । विकासखंड कृषि अधिकारी गुरूर के टिम ने जिला के गुरूर विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खर्रा व फागुन्दाह एवं अन्य कई ग्राम पंचायतों में स्थित कृषि केन्द्रों पर अधिक मूल्य में रासायनिक खाद बेंचने पर संबंधित दुकान से किसानों को सरकारी किमत अनुसार खाद आंबंटित कराया गया है जिसके चलते गुरूर विकासखंड क्षेत्र के कई किसानों को लाभ मिला है।