छत्तीसगढ़ धमतरी....वैसे तो कोरोना महामारी में जहाँ हम और आप एक दूसरे को संदेह के नजर से देखते है...संक्रमण को लेकर डरे सहमे है...इसके परवाह किए बगैर रक्तदान के लिए युवा सामने आ रहे है...और रक्तदान करके मानवता की मिशाल पेश कर रहे है।
दरअसल हुआ यू कि जिला अस्पताल धमतरी में काँकेर रहने वाली गर्भवती महिला उषा मंडावी के लिए B पाजेटिव ब्लड की आवश्यकता थी..महिला के पति दुर्गेश मंडावी जिला अस्पताल के आसपास ब्लड ढूंढ़ने में लग गया...लेकिन उसे ब्लड नही मिला....परेशान होकर नेहरु गार्डन के पास भटक रहा था...तभी एक युवक रितेश यादव अपनी निजी काम से नेहरू गार्डन की ओर गुजर रहा था....तब उसकी नजर परेशान दुर्गेश पर पड़ी...रितेश यादव ने मानवता का परिचय देते हुए पूछा कि....क्या हो गया भैयाजी क्यो परेशान हो.....तब दुर्गेश ने अपनी पीड़ा बताई कि...उसकी पत्नी को ब्लड की आवश्यकता है....वह भी B पाजेटिव... जो उसे कही नही मिल रहा है....ऐसे में युवक रितेश ने उनकी पीड़ा समझी और उसकी मदद करने का फैसला किया....और उसने खुद रक्तदान करने का सोचा.... लेकिन यहाँ पर महिला को B पाजेटिव ब्लड चाहिए था....और युवक का ओ पाजेटिव था....उसके बाद भी रितेश ने अपनी ब्लड डोनेट किया.....जिसके बाद जिला अस्पताल में ब्लड को एक्सचेंज किया जिसके बाद गर्भवती महिला को B पाजेटिव ब्लड दिया गया.....वही गर्भवती के पति दुर्गेश ने ब्लड डोनेट करने के बाद रितेश का धन्यवाद किया...उनका कहना है कि जब वह परेशान होकर सड़क पर भटक रहे थे तब रितेश ने उनकी मदद की....ऐसे में उनकी जितनी भी धन्यवाद बोलू वह कम है....
रितेश का कहना है कि हर किसी को ब्लड देनी चाहिए ताकि.... पीड़ित लोगों को ब्लड देकर मानवता का धर्म निभाना चाहिए... रितेश का कहना है कि...उसने अभी तक 8 से 9 बार रक्तदान किया है....।