कुरूद. कलीराम चंद्राकर पब्लिक स्कूल कुरूद में बहुत ही धूमधाम के साथ पोला पर्व मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय में विभिन्न स्पर्धा बैल सजाओ ,बैल दौड़,फुगड़ी आदि का आयोजन हुआ। आज अवकाश न होने के बावजूद बच्चों में उमंग और उल्लास चरम पर रहा और सभी ने उत्सव जैसा आनंद अनुभव किया।
कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ करते हुए प्राचार्य के मंजीता ठाकुर ने बच्चों के साथ नादियां बैल और मिट्टी के खिलौनों को तिलक वंदन कर पूजा अर्चना कर सभी को पर्व की बधाई दी। इस दौरान छत्तीसगढ़ की परंपरा के अनुरूप चीला रोटी का भोग लगाया गया और जाता पोरा आदि मिट्टी से बने खिलौने की पूजा हुई।
इसके उपरांत प्राचार्य के मंजीता ठाकुर ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पोला पर्व किसानों के लिए बैलों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो कृषि में बैलों की अहम भूमिका को दर्शाता है। इस दिन बैलों को नहलाकर, सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है, जिससे कृषि कार्य में उनकी मेहनत का सम्मान होता है। यह पर्व अन्नमाता के गर्भ धारण करने के दिन भी मनाया जाता है और लोग इस दिन खेतों में नहीं जाते।बच्चों को मिट्टी के बैल खिलौने के रूप में मिलते हैं और पूरे परिवार के साथ मिलकर पर्व की खुशियां बांटी जाती है।
इसके उपरांत बच्चों ने भी पर्व की महत्ता के विषय में अपना स्पीच प्रस्तुत किया जिसकी सराहना की गई। कार्यक्रम के अगली कड़ी के तहत बच्चों की प्रतिभा को बल प्रदान करने और पर्व की विशेषताओ से जोड़ने के लिए बैल दौड़ का आयोजन किया गया।इसके लिए बच्चो ने बैलो को विशेष रूप से सजाया था और मनमोहक श्रृंगार करके पर्व के प्रति अपनी उमंग को महकाया। इस स्पर्धा में बच्चों ने अपने उत्साह और उमंग के साथ बैलों को दौड़ाया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
इसके उपरांत नन्ही बेटियो की प्रतिभा को आयाम देने के लिए फुगड़ी स्पर्धा आयोजित हुई और होनहार बालिकाओं ने अपने जज्बे, लय और एकाग्रता से सबका दिल जीतते हुए सफलता हासिल की।
कार्यक्रम के अंत में पर्व की खुशियों में चार चांद लाने के लिए मनभावन गीतों पर थिरकने के आमंत्रित किया गया जहां छोटे बच्चों पूरे उत्साह के साथ इसका आनंद लेते हुए छत्तीसगढ़ के इस पावन पर्व की उमंग को दुगुना कर दिया।उनकी मीठी मुस्कान और थिरकते अंदाज ने सबका का दिल जीत लिया।इस अवसर पर समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे।