बालोद : एक तरफ इन दिनो समुचे छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षको की युक्तीकरण और शराब दुकान की बढती हुई क्रम को लेकर खबरो की बजार में सांय सांय तरिके से तरह तरह की खबर जगह जगह छाई हुई है और इसी बिच बिते दिनो बालोद जिला के ग्राम सिर्राभांटा में नरबली कांड घट गया। अब नरबली कांड जैसी घटना आधुनिकीकरण के अमृतकाल रूपी इस दौर में कतई जायज नही माना जा सकता है, चूंकी भारत आज न सिर्फ मंगल पर घर बसाने की योजना पर काम कर रहा है, अपितु भारत की बेटियां कई कई दिनो तक अंतरिक्ष की यात्रा करने में सफल हो रही है। बावजूद इसके छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिला अंतर्गत ग्राम सिर्राभांटा में घटित नरबली कांड समाज के मुंह पर अंधविश्वास नाम का एक सीधा तमाचा है। अतः सभ्य समाज और छतिसगढ सरकार को स्वंय के अंदर भी इस घटनाक्रम के बाबत झांक कर देखना चाहिए कि आज भी जागरूक समाज के बिच शिक्षा का कितना मह्त्व है बजाय शराब दुकान के....
गांव के बैगा पर बाहर गांव के बैगा पड़ें भारी, बली से पहले मृतक की खातिरदारी। नहलाया धुलाया शराब पिलाया और चांवल खिला कर दे डाली बली अवगत हो कि बिते दिनो हल्दी थाना तह गुण्डरदेही जिला बालोद अंतर्गत ग्राम सिर्राभांटा के आदीवासी बैगा पुनीत राम ठाकुर का बाहर गांव से तांत्रिक कृया हेतू तिहारू राम निषाद के इशारे पर बुलाये गए बैगाओ ने धारदार हथियार एवं तीर से गले व छाती पर वार करके हत्या करते हुए बली दे दिया। घटना स्थल पर तांत्रिक कृया के कई सबूत देखे गए है। जिसमे से लींबू, सिंदूर, शराब की खाली सिश्शियां और अन्य त्रांत्रिक पूजा समान पाई गई है। उक्त घटनाक्रम की जैसे ही जानकारी हल्दी थाना प्रभारी नंदकुमार साहू को मिली वह सकते मे आकर तुरंत घटना स्थल पर पहुंच गए। इस बिच पुलिस के पहुंचते ही पूरे गांव में हडकंप मच गया और इधर मिडिया भी इस वाहियात घटना को लेकर राग अलापना शुरू कर दिया, लेकिन बालोद पुलिस जिस तरह से इस घटना को लेकर बयान दिया की बैग्गाओ के मध्य आपसी वर्चस्व की लडाई में सिर्राभांटा निवासी पुनित राम ठाकुर की हत्या की गई है, तब से ग्राम सिर्राभांटा के नागरिकों में नाराजगी देखा जा रहा था।
आखिरकार कौन है बैगा पुनीत राम ठाकुर और क्या है उनकी हैसियत और उनके जाने के बाद क्या होगा उनके परिवार के साथ?
दराशल सिर्राभांटा के ग्रामीण भी छत्तीसगढ़ राज्य के अंदर मौजूद लगभग सभी गांवो में स्थापित की गई रूठीवादी पंरापरा के अनुसार पुर्वजो के द्वारा बनाई गई नियमों के आगे नतमस्तक है और इसी के चलते गांवो में आज भी नाऊ, लोहार, रऊत, बैगा ग्रामीण व्यवस्था को बेहतरीन तरीके से संचालन हेतू नियुक्त करने का प्रक्रिया चलन में है। ठीक उसी तरह गुण्डरदेही तह क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सिर्राभांटा जिला बालोद छत्तीसगढ़ में भी हर साल बैगा, नाऊ लोहार,रऊत नियुक्त किया जाता रहा है। इस बिच विगत कई वर्षो से पुनित राम ठाकुर गांव के अंदर मौजूद सभी देवी देवता और डीह डोंगर के पूजा पाठ को निष्ठा पूर्ण करते हुये आ रहे थे। इस साल पुनीत राम ठाकुर ने फिलहाल गांव में बैगैई करने का काम इस वर्ष बंद कर दिया था, लेकिन सिर्राभांटा के माटी पुत्र बैगा पुनीत राम ठाकुर को नरबली देकर खत्म कर दिया गया है। पुनीत राम ठाकुर आदीवासी समाज से तालुक्त रखने वाला एक गरीब और अपने घर का इकलौता कमाऊ आदमी था। पुनीत राम ठाकुर के बडे बेटा और बेटी सरारिक रूप से विकलांग है वंही छोटे बटे का कुछ दिन पहले ही नरायणपुर में किसी ने हत्या कर दफना दिया था जिसका आजतक कोई अतापता नही है। ऐसे में आर्थिक तौर से लाचार गरीब आदीवासी बैग्गा पुनित राम ठाकुर का परिवार इस नरबली कांड से सहम गया है, जबकि गरीबी बिमारी और लाचारी से जूझ रहे इस परिवार के पास अब कोई सहारा नहीं बचा है। ऐसे में चिंतन करने वाली बात यह है कि आखिरकार गरीब आदिवासीयों की इस कुनबे मददगार आदीवासी कौन?