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रेत चोर रणतुंगा की दहशतगर्दी से लहुलुहान हुई बालोद जिला की सियासी सरजमीं और जिवनदायनी महानदी की छाती। अब पत्रकार अर्धनग्न अवस्था में देंगे धरना

 

उतर बस्तर कांकेर जिला कांकेर के चारामा विकासखण्ड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत भिलाई के आश्रित ग्राम तासी के आड़ में पोंड़ रेत खदान में सांय-सांय रेत उत्खनन आंय बांय तरीके के साथ जारी है और वह भी बकायदा लीबू मिर्च कांट के, लेकिन कांटी गई लींबू मिर्च का असर पड़ा अमृत संदेश के पत्रकार कृष्णा गंजीर पर। फिलहाल कृष्णा गंजीर के चार हड्डी को रेत माफियाओं ने तोड़ कर चकनाचूर कर दिया है। बांकी रेत माफियाओं की दहशतगर्दी अमृतकाल में भी किसी से छुपा नहीं हुआ है। अतः समझदार के लिए इशारा काफी है..

आखिरकार बालोद जिला के अंदर स्थित ग्राम पंचायत पोड़ में अवतरित महानदी के रेत खदान की जमीनी सच्चाई क्या है ? दरअसल विगत कई दिनों से छत्तीसगढ़ महतारी की पावन धरा को उपजाऊ बनाने वाली महानदी की छाती पर अवैध तरीके से बड़े बड़े चैन माउंटेन मशीन के जरिए छलनी करते खुलेआम रेत निकाला जा रहा है, जबकि एन जी टी और केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय की कुछ अलग ही अपना दलिल है। बावजूद इसके छत्तिसगढ़ महतारी की जिवनदायनी महानदी की छाती को छलनी कर रेत चोर रणतुंगा के इशारे पर ग्राम पंचायत भिलाई के आश्रित ग्राम तासी रेत खदान के आड़ में शासन और प्रशासन को लाखों रूपए का चूना लगाते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश की सरजमीं को उपजाऊ बनाने वाली महानदी की छाती को चीरकर अवैध तरीके से रेत निकालने की खबर जग जाहिर है। बता दें कि बालोद जिले के सरजमीं पर स्थित गुरूर तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत पोंड़ की पावन धरा पर बनाई गई पी डब्ल्यू डी के द्वारा सड़क वैसे भी कम लोड सहन कर सकने वाली सड़क है और ऊपर से विकास की अवधारणा से कोसों दूर डूबान क्षेत्र में मौजूद एक छोटा सा गांव है। वंही ग्रामीण अंचल क्षेत्र में बनाई गई इस सड़क पर यातायात परिवहन विभाग के रहमो करम से आखिरकार ओवरडोल रेत से भरी हुई हाईवा गाड़ी कैसे और किसके इशारे पर रेत माफिया नियम और कायदे को ताक में रखकर सांय सांय अंदाज में गांव के बिचो बिच से निकल रहे हैं।उत्तर बस्तर कांकेर जिला कांकेर विकासखण्ड चारामा अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भिलाई की सरपंच महोदया उनके ग्राम पंचायत भिलाई के नाम पर चल रही तासी रेत खदान को अवैध बताते हुए रेत चोर रणतुंगा की घटिया करतूत बता चुकी हैं,जबकि छत्तीसगढ़ प्रदेश की जीवनदायिनी नदियों में एक महानदी की छाती को अनैतिक तरीके से चीरकर रेत उत्खनन करने वाले लोग खनिज विभाग जिला कांकेर छत्तीसगढ़ से रेत उत्खनन हेतू सरकारी अनुमति प्राप्त होने का दम भरते हुए छत्तीसगढ़ महतारी के पावन भूमि को उपजाऊ बनाने वाली महानदी की छाती को चिरने का खुलेआम कृत्य कर रहे हैं। वंही दुसरी ओर संबंधित रेत उत्खनन से ताल्लुक रखने वाले रकबा का मालिकाना अधिकार रखने वाले ग्राम पंचायत भिलाई के सरपंच यानी कि उक्त रेत खदान के असली मालिक बैगर बतायें रेत उत्खनन करने वाले लोगों को रेत चोर रणतुंगा से ताल्लुक रखने वाले रेत चोर सोमलू मानकर चल रहे हैं। ग्राम पंचायत भिलाई की सरपंच और ग्राम तासी के पावन धरा पर रहने वाले ग्रामीणों की मानें तो उनके ग्राम पंचायत भिलाई के आश्रित ग्राम तासी के रकबा क्षेत्र में रेत उत्खनन कार्य अभी शुरू ही नहीं किया गया है तथा उन्हें पोड़ में जारी रेत उत्खनन की जानकारी ही नहीं है और न ही उक्त रेत खनन उनके पंचायत क्षेत्र में किया जा रहा है।
अब ऐसे में गौर करने वाली बात यह है कि इन दोनों में से आखिरकार कौन सच बोल रहा है? पहला ग्राम पंचायत भिलाई की चुनी हुई सरपंच जो कि मौजूदा दौर में ग्राम पंचायत भिलाई की माई बाप है या फिर दूसरा जो कि ग्राम पंचायत पोड़ की तरफ से ग्राम पंचायत भिलाई के आड़ में सांय सांय रेत से भरी हुई हाईवा को महानदी की छाती से बड़े बड़े मशीनों के जरिए रेत से भरकर पार कराने वाले रेत चोर रणतुंगा के सफेदपोश वर्दी धारी कुख्यात भाई सोमलू और खनिज संपदा को सरकारी दफ्तर में बैठकर बेंच खाने की मंशा रखने वाले बेईमान किस्म के अधिकारी? 
आखिरकार छत्तीसगढ़ राज्य के अंदर मौजूद रहने वाले सभी आम जनता को यह जानने का सौ फिसदी अधिकार है कि कौन कौन सफेदपोश वर्दी धारी रेत माफियाओं के इशारे से सत्ता की हुनक के बलबूते छत्तीसगढ़ प्रदेश की जीवनदायिनी दाई महानदी की छाती से बड़े बड़े चैन माउंटेन मशीन लगाकर दिन रात चिरने का दुस्साहस कर रहा है और क्यों इस तरह के दुष्कृत्य को अंजाम देने पर तुला हुआ है? क्या प्रदेश के जनता ने उन्हें इसीलिए चुनकर अपना नेता बनाया है? सनद रहे कि कुछ दिन पहले बालोद जिला के अंदर कार्यरत रहने वाले अमृत संदेश के स्थानीय संवादाता कृष्णा गंजीर के साथ राजस्व विभाग के पटवारी के साथ एक अन्य पत्रकार को इस मामले में छानबीन करना इतना मंहगा पड़ा है कि रेत माफियाओं ने रेत भंडारण में आई रेत की वैधानिक राल्टी पर्ची पुछे जाने पर ही जानलेवा हमला कर दिया और हाईवा से कुचलने का प्रयास करते हुए फरार हो गए जिसमें से मुख्य दो सरगना अभी भी फरार चल रहे हैं अन्य आठ आरोपी फिलहाल बालोद जेल अंदर मौजूद हैं।
बहरहाल विश्वनिय सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार पोड़ रेत खदान में कुछ कमल छाप फूल भैय्ये भाजपाई नेताओं और रेत चोर रणतुंगा का सौ फिसदी गठजोड़ शामिल है,जो कि कमीशनखोरी नामक फेवीकोल से चिपका ले सैंया वाले अंदाज में चिपका हुआ बताया जा रहा है। शायद इसलिए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ माने जाने वाले पत्रकार पर बालोद जिला में रेत माफियाओं के द्वारा जानलेवा हमला किया गया और सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष के नेताओ के मुंह से चूं तक नहीं निकल रहा है, किन्तु छत्तीसगढ़ प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की बात को लेकर बरसों से संघर्षरत प्रदेश के सारे पत्रकारों में इस घटनाक्रम को लेकर आक्रोश तेजी से बढ़ते हुए साफ दिखाई दे रही है। सूत्रों की मानें तो अवैध रेत उत्खनन के मामले में कंधारी बनकर अपने सपोलों के लिए घटिया सुशासन का प्रदर्शन करने वाली भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार को समूचे प्रदेश भर के अंदर रेत उत्खनन में स्थापित गुंडाराज की हकिकत को जमीनी धरातल पर दिखाने हेतू अब छत्तीसगढ़ प्रदेश के विभिन्न पत्रकारों के संगठन बहुत जल्द नेशनल हाईवे 30 पर दिनांक 25 मई 2025 के दिन अर्धनग्न अवस्था में धरना प्रदर्शन करने वाले हैं और इसके लिए छत्तिसगढ़ प्रदेश के अंदर मौजूद ज्यादातर पत्रकार संगठन के सदस्य अपने अपने स्तर पर तैयारी करने में जुट गए हैं। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि इस आंदोलन को लेकर सरकार क्या रूख अख्तियार करती है।






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