"जय जवान, जय किसान"
बुलडोजर के आंतक से आजतक कौन बचा है भगवान "
बालोद जिला के गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम भुंसरेंगा में 19 महार रेजीमेंट के शहिद वीर जवान उमेश कुमार साहू के परिजनों से ग्रामीणों की दंबगई को लेकर शहिद उमेश कुमार साहू के परिजनों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, सहित सेना प्रमुख को और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित बालोद जिला कलेक्टर के नाम एक लिखित शिकायत भेजी है। शिकायत में शहीद वीर जवान की पत्नी ने कहा है कि ग्राम भूसरेंगा के अंदर मौजूद ग्रामीणों के द्वारा उनके घर में बुलडोजर चलवाने की धमकी दिया जा रहा है। ग्राम पंचायत भूसरेंगा के ग्रामीण शहिद वीर जवान उमेश कुमार साहू के परिजनों से सात डिसमिल जमीन के बदले 30 डिसमिल जमीन मांग रहे हैं, शहिद के परिजनों द्वारा जमीन नहीं देने पर उनके घर पर बुलडोजर चलवाने हेतू लगातार प्रयास किया जा रहा है। जरा सोचिए समस्त भारत देश के नागरिक सरहद पर अपने प्राण को न्यौछावर करने वाले हमारे सभी जवानों के प्रति समर्पित भाव से नतमस्तक होते है,लेकिन विडंबना देखिए भारत की सरजमीं पर देश के खातिर लेह लद्दाख के सीमा पर आक्सीजन की कमी से मरने वाले 19 महार रेजीमेंट के शहिद जवान उमेश कुमार साहू के परिजनों को प्राशासनिक आक्सीजन की कमी का अभास होने लगा गया है।

लेह लद्दाख में आक्सीजन की कमी से मरने वाला शहिद जवान उमेश कुमार साहू का ससुराल है ग्राम पंचायत भुंसरेगा, वंही दूसरी ओर शहिद उमेश कुमार साहू के पत्नी का उसका मायका ही एक मात्र सहारा है क्योंकि उनके यंहा उसकी बिमार ससुर के अलावा कोई नहीं है। ऐसे में शहीद की सास यानी कि उसकी पत्नी की मां साथ में रहकर अपनी बेटी और उनके बच्चों का देखभाल करती हैं। ऐसे यह संवेदनशील मामला माना जा सकता है।किसी भी देश के लिए उसके सरहद की निगरानी करने वाला सैनिक काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।दुनिया के अंदर मौजूद तमाम देश इस को बात को भलीभाँति से जानते व पहचानते है कि दुनियाभर के तमाम देशो की सैनिक ही उनके अपने देश में एक मात्र व्यक्ति होता है जो अपनी सरजंमी की रक्षा के खातिर कड़ी से कड़ी ठंड,व कठोर से कठोर गर्मी एवं भंयकर बाढ और बारिश के दरमियान भी अपने घर बार और परिवार को छोड़कर सरहद पर अपनी मातृभूमि के खातिर सीना तान कर खड़ा हुआ रहता है और याद रहे जब ये सैनिक सरहद पर दिन रात हर मौसम मे सीना तान कर मुस्तैदी के साथ सीमा पर अड़े रहेंगे तब तक उन तमाम देशों के पूरा देशवासी अमन चैन और सकून से अपने अपने घरो पर आराम से अपने आप को सुरक्षित महसूस हुए करते भरपूर निंद सो सकेंगे। गौरतलब हो कि आज समूचे विश्व भर के अंदर यह बात सर्व विदित है कि संसार भर में युद्ध का माहौल चरम पर बना चुका है और इस बीच विडंबना देखिए आधुनिकीकरण के इस अमृतकाल रूपी कलजुग में ज्यादातर देशो के युवा सरहद की निगरानी करने की बजाए खुद को तूर्तरम खां समझते हुए सुख और आराम का जीवन जीना पंसद करने में उतारू नजर आ रहे हैं,किन्तु धन्य है भारत माता की यह भूमी जंहा पर देश के अंदर मौजूद हर माटी के लाल अपनी की देश मिट्टी पर मौजूद सरहद पर जाकर अपना लहू बहाना चाहता है। भारत माता के हर लाल अपने मातृभूमि का सर सदैव ऊंचा रखने की इच्छा रखता है। इस बीच दुनिया भर के तमाम देशों में इकलौता भारतीय उपमहाद्वीप पर ही किसानों के साथ जवानों का जय जयकार किया जाता है। ऐसे में तमाम भारत के नागरिक देश के अंदर मौजूद सभी धरती पुत्र अन्नदाता किसान और सरहद पर दिन-रात मेहनत कर देशवासियों को चैन व सकुन देने वाले हमारे जवानों का सदैव जयकार आभार मानकर चलते हैं,लेकिन कई दफा हम देशवासियों से भी गुस्ताखी हो जाती है हालांकि गुस्ताखी माफ किया जा सकता है लेकिन यदि गुस्ताखी गलती में प्रतिर्वतित हो जाये तब तो यह निहायत ही ग़लत माना जायेगा।