"भाजपा सरकार की पुलिस नक्सलियों के नाम पर छोटे-छोटे गरीब आदीवासी बच्चों को भी नक्सलवाद खात्मा के आड़ पर गोली मार रही है ठांय ठांय,जबकि डबल इंजन वाली विष्णुदेव साय की सरकार का दावा है कि उनकी सरकार प्रदेश में रहने वाले सभी नागरिकों के विकास और उन्नति हेतू प्रयासरत हैं सांय सांय" हालांकि उन्नति और खुशहाली भरी तमाम हंसगुल्लों और दावों के बीच हसदेव अरण्य की जंगलों पर वृक्षों की कटाई को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। परिणाम स्वरूप आलम यह नजर आ रहा है कि अब प्रदेश के ज्यादातर आदीवासी छत्तीसगढ़ राज्य के आदीवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को गैर आदिवासी बताने को मजबूर हो चले हैं।
विडियो में घायल आदीवासियों के नाबालिग बच्चों को पुलिस ने बंदूक की गोली मारकर घायल कर दिया है। हालांकि उक्त घटनाक्रम में घायल सभी बच्चों को काफी तामझाम के बाद चिकित्सका सुविधा प्राप्त हुई है, जबकि मोदी सरकार हर गरीब को मुक्त इलाज की गारंटी प्रदान करने का दावा करते हुए दिखाई देते हैं। बस्तर की समाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी बनी घायल बच्चों के लिए कुदरत की वरदान साबित हुई।
बस्तर संभाग के मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी तीन घायल बच्चों को इलाज के लिए बीजापुर अस्पताल लेकर आई जिसके बाद घायल बच्चों का इलाज शुरू किया गया है। वंही दूसरी ओर हसदेव की जंगलों को कांटने का सिलसिला लगातार आदीवासियों की विरोध के बावजूद बदस्तूर जारी है। इस बीच सूबे में आदीवासियों के मामले को लेकर महज तूर्रा छोड़ने वाली डबल इंजन सरकार के मुखिया पर स्थानीय आदिवासियों का कहना है कि आदीवासी मुख्यमंत्री होने के नाम पर विष्णुदेव साय सिर्फ मोदानी का आदीवासी मुख्यमंत्री के रूप में मुखौटा भर मात्र है। चूंकि समूचे प्रदेश भर के अंदर आदीवासी मुख्यमंत्री के शासनकाल में आदीवासियों के साथ खुलेआम अन्याय की पटकथा रची जा रही है वह किसी से छुपी, जबकि केन्द्रीय गृहमंत्री मंत्री लगातार नक्सलवाद के खात्मा को लेकर प्रभावी कदम उठाने की बात कह रहे हैं। सनद रहे समाज के लिए नक्सलवाद का खात्मा जितना जरूरी है उतना ही महत्वपूर्ण हर गरीब का संवैधानिक अधिकार सही समय पर मिलना उनका हक है। यदि गरीबी और गुरबती के दंश से लाचार लोगों को बैगर संवैधानिक अधिकारों के रखा जायेगा और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जायेगा तब जाहिर सी बात है नैतिकता के आधार पर सवाल जरूर पुछे जायेंगे। हालांकि जनता के सवाल को पुछने का काम मिडिया किया करते हैं और जनता की समस्याओं को चुप्पी साधने वाले सफेदपोश गद्दारों का पोल पट्टी खोला करते हैं किन्तु अमृतकाल के इस दौर में मिडिया से लेकर न्यायालय तक चुप व खामोश बैठे हुए हैं।