बालोद जिले में पदस्थ पंचायत विभाग के दो अफसरों ने एक दूसरे की बजाई जमकर बैंड। एक पर लगा फर्जी विकंलाग प्रणाम के जरिए नौकरी पाने का आरोप तो वंही दूसरे के ऊपर जिला के कई बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रूपए हजम करने का लगा है आरोप।
बालोद : इतिहास गवाह है कि व्यक्ति का जब समय खराब होता है तब उसका खुद का सांया तक साथ छोड़ देता है। जरा सोचिए जब खराब समय में व्यक्ति की खुद का सांया तक साथ नहीं देता है तब क्या कोई दूसरा व्यक्ति का सांया व्यक्ति का देगा? हरगिज़ नहीं। वैसे सभी लोगों को यह भली-भांति से पता है कि जब दो व्यक्ति के बीच दोस्ती और यारी होती है,तब सब कुछ प्यारी प्यारी ही होती है लेकिन वही दोस्ती और यारी किसी कारण वश दुश्मनी में बदल जाती है,तब दुश्मनी दोस्ती और यारी से भी भयानक गहरी होती है। इसका स्पष्ट उदाहरण इन दिनों बालोद जिला की सरजमीं पर खुले तौर पर देखा जा सकता है। दरअसल जिला पंचायत बालोद के उपसंचालक आकाश सोनी को लेकर सुर्य प्रकाश द्विवेदी करारोपन अधिकारी जनपद पंचायत गुण्डरदेही ने मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन रायपुर और सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छत्तीसगढ़ को सूचनार्थ करते हुए मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के समक्ष शिकायत पत्र प्रेषित किया है। सूर्यप्रकाश द्विवेदी के द्वारा पेश की गई शिकायत पत्र में जिला पंचायत बालोद के उपसंचालक आकाश सोनी को लेकर यह कहा गया है कि उप संचालक महोदय फर्जी डाक्टरी प्रणाम पत्र के सहारे खुद को कमजोर आंख वाला साबित कर उच्च पद पर आसीन हो गया है, जबकि वह पूर्ण रूप से फिट है। सूर्यप्रकाश द्विवेदी ने मामले की जांच कर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। इस बीच आकाश सोनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद अब सूर्यप्रकाश द्विवेदी का भी प्रकाश बुझ चुका है। दरअसल पूर्व में सुर्य प्रकाश द्विवेदी ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों को प्रकाश दिखाने का काम किया था। ऐसे में जाहिर सी बात है जब तुम अपने सखा की टांग को खिंचोगे तो वह भी तुम्हारी टांग को खिंचेगा लिहाजा 11 लोगों ने सुर्य प्रकाश द्विवेदी के दिखाये गये प्रकाश को लूटने और ठगने की निती मानकर उनके खिलाफ शिकायत कर दिया है। बहरहाल इन दोनों सखा की करतूतों के चलते पंचायत विभाग बालोद का नाम आम जनता के समक्ष काफी बेदर्दी से खराब हो रहा है। पंचायत चुनाव के ऐन पहले इस तरह की घटिया घटनाक्रम का बालोद जिले में लगातार उजागर होना अच्छी बात नहीं है। अतः शासन और प्रशासन को मामले में हो रही किरकिरी को ध्यान में रखकर सफाई अभियान की तत्काल व्यवस्था की जाना चाहिए ताकि जिलावासियों के मध्य शासन और प्रशासन का इकबाल बना रहे।