कुरूद :- कहते है कि भगवान की पूजा और उस पर की गई आस्था से सारे कष्ट दूर हो जाते है। मन में शांति और स्नेह भाव का निर्माण होता है। पर्व विशेष पर हम तिथि और परंपरानुसार विभिन्न देवी-देवताओं का सुमिरन कर पुण्य का संचय करते है।इन्ही बातों को सार्थक करते हुए नगर के शिक्षक मुकेश कश्यप ने अपने निवास में विगत दिनों छत्तीसगढ़ महतारी की मनमोहक मूर्ति की स्थापना कर लोक परम्परा और संस्कृति के प्रति अपनी आस्था और प्रेम को प्रकट किया। उन्होंने इसके लिए कोई विशेष पर्व ,तिथि या मुहूर्त को ना देखते हुए आज के सामान्य दिनचर्या के दिनो मे अपने निवास में छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर उसका विधिवत पूजन और वंदन कर परिवार के खुशहाली और जनकल्याण की कामना की।उन्होंने महराज विकास शर्मा के पावन सानिध्य में विधिवत छत्तीसगढ़ महतारी की स्थापना कर अपनी आस्था प्रकट की। इस दौरान माता रानी का विधिवत श्रृंगार कर पूजा-अर्चना कर प्रसादी का वितरण किया गया।
इस स्थापित मूर्ति में छत्तीसगढ़ महतारी जी ने परंपरानुसार पारंपरिक परिधान के साथ हाथों परंपरा में हंसिया ,धान की बाली, सिर पर पारंपरिक मुकुट,सिक्का माला,करधन,टिकली सही सभी पारंपरिक आभूषण से माता रानी मनमोहक रूप विराजित हुई है। यह मनभावन मूर्ति लोगो द्वारा काफी पसंद की जा रही है। इस मूर्ति के बैक ग्राउंड में छत्तीसगढ़ का नक्शा भी काफी आकर्षित कर रहा है।मुकेश कश्यप एवं उनके परिवार द्वारा विधिवत गृह निवास में छत्तीसगढ़ महतारी की स्थापना कर लोक परम्परा के प्रति प्रेम और आस्था को प्रकट किया गया। मुकेश कश्यप ने बताया कि मुझे बचपन से ही छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति ,लोक परम्परा,रहन- सहन,पर्व ,गीत-संगीत आदि हमेशा से ही मन में रचे बसे है। मैं छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति बनवाकर इसे घर में विधिवत पूजा करूंगा और अपनी संस्कृति के प्रति आस्था प्रकट करूंगा।इसी के तहत मैने इसकी स्थापना अपने निवास में की है।छत्तीसगढ़ महतारी मैंया हमेशा प्रदेश को विकास के पथ पर ले जाए, यही मैं कामना करता हूं।
नगर के गणमान्य जनों,आमजनों सहित विभिन्न लोगों ने मुकेश कश्यप द्वारा निवास में छत्तीसगढ़ महतारी मूर्ति की स्थापना की प्रशंसा हो रही है । सभी उनके लोक संस्कृति के प्रति प्रेम और आस्था को नमन कर रहे है।