गुरुर-:मौत एक ऐसा मंजर है, जिसको कोई नही चाहता, पर यह प्रकृति का नियम है। जिस जीव ने इस धरती पर जन्म लिया है। उसे एक न एक दिन इस धरती से जाना ही है।
मौत एक ऐसी सच्चाई है जिसे ना तो बदला जा सकता है,और ना ही टाला जा सकता है,इसलिए इस दुनिया में रहना है तो हमें अपनी जिंदगी को हंसते और मुस्कुराते हुए जीना चाहिए जैसे कि गुरूर जनपद पंचायत कार्यालय में पदस्थ रहे बिसवा भाई पटेल जी करते थे।
आज गुरूर विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत मौजूद जनपद पंचायत कार्यालय में पदस्थ रहने वाले बिसवा भाई पटेल हम सब के बीच जिंदा नहीं है।
लेकिन उनके द्वारा कही गई कुछ बात याद बनकर हमारे मध्य उन्हें जिंदा बनाए रखें हुए हैं!
बिसवा भाई पटेल हमेशा जिंदादिली की बात कहते हुए यह कहा करते थे कि
जीने की आरजू में चल पड़े हैं हम !!
पर एक दिन आयेगा जब मौत सबको यहाँ ले जाएगी !!
इस खेल में कोई रहमानी नहीं होता !!
सबको एक दिन मौत का सामना करना है !!
जीने की आरजू में हम सब मस्ती में हैं !!
पर आखिरी सांस आने पर यहाँ सबको जाना है !!
जिंदगी के सफर में एक दिन ऐसा आएगा !!
मौत का अद्भुत रंग हमें भी दिखाएगा !!
न जाने कौन सा रास्ता वही ले जाएगा !!
पर जब भी वो साथ होगी धड़कनें थम जाएगी !!
ज्ञात हो कि बिसवा भाई पटेल की मृत्यु परसों दरमियानी रात राजनीतिक रण क्षेत्र की भूमि ग्राम पंचायत कोलिहामार के नाली में गिर कर गंदा पानी पीने से होने की जानकारी प्राप्त हुई है।
जानकारी के अनुसार बीते कल ग्राम पंचायत कोलिहामार के मुक्ति धाम में बिसवा भाई पटेल की अंतिम संस्कार संपन्न कर दी गई है, लेकिन बिसवा भाई पटेल की असमय मृत्यु ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं! खास तौर पर राजनीतिक रण क्षेत्र की भूमि मानें जाने वाली ग्राम कोलिहामार में साफ सफाई व्यवस्था को लेकर! चूंकि ग्राम पंचायत कोलिहामार में सफाई व्यवस्था को लेकर जो आलम पसरी हुई नजर आती है,वह किसी से छुपी नहीं है, लेकिन विकासखंड जनपद पंचायत कार्यालय में पदस्थ एक कर्मचारी इसका शिकार बनता है तब सवाल बनता है।
आखिरकार साफ सफाई और स्वच्छता अभियान में हजारों रूपए खर्च करने का दावा करनी वाली ग्राम पंचायत कोलिहामार की गलियों में किचड़ और भारी गंदगी का आलम क्यों पसरा हुआ है।
क्या ग्राम पंचायत के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि इस बात को तनिक भी चिंता करते हैं कि उनके गांव की नालियों में अब लोग गिर कर मर रहे है, इसलिए अब साफ सुथरा रखा जाए।
आखिरकार बिसवा भाई पटेल की मौत का जिम्मेदार ग्राम पंचायत कोलिहामार के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों की गैर जिम्मेदाराना रवैया को क्यों ना माना जाए।
कैसे 78 पंचायतों की जनपद पंचायत कार्यालय में पदस्थ एक चपरासी की मृत्यु ग्राम पंचायत कोलिहामार की गंदी नाली में गिरने से मौत हो गई, जबकि विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सभी ग्राम पंचायतों में साफ सफाई व्यवस्था को लेकर गुरूर विकासखंड जनपद पंचायत कार्यालय में आये दिन बैठकें आयोजित किया जाता है।