रायपुर -:छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 3 दिसंबर को रिलीज होगा इसमें कोई संदेह नहीं है।
लेकिन तब तक प्रदेश में सियासी सरगर्मियां विधानसभा चुनाव के ठीक पहले जैसे देखने को मिल राहा था बिलकुल ठीक वैसे ही लग रहा है बल्कि देखा जाए तो उससे कंही ज्यादा गंभीर और बोगस लग रहा है। कांग्रेस पार्टी के अंदर मुख्यमंत्री पद को लेकर उठापटक देखने को मिल रही है तो वंही भारतीय जनता पार्टी असमंजस की स्थिति में है कि यदि उनकी पार्टी को बहुमत मिली तब उनकी ओर से मुख्यमंत्री पद को लेकर दावेदार कौन होगा। हालांकि अभी सूबे में किसकी सरकार बैठेगी यह तय नहीं हुई है लेकिन कांग्रेस पार्टी पूर्ण रूप से यह मान कर चल रही है कि राज्य में उनकी सरकार बन रही है, जबकि भाजपा की अपनी अलग सुर और लय है।
अब कांग्रेस पार्टी की यह सोच कहा तक सही है यह तो कांग्रेस पार्टी के नेता ही जाने, लेकिन जिस तरह से चुनाव और चुनाव के बाद कांग्रेसी नेता छिछालेदर मचाते हुए देखे जा रहे हैं उसे देखकर लगता है कि कांग्रेस पार्टी के नेता शायद यह भूल चुके है कि मोहब्बत के बाजार में एक दुकान दूसरे दुकानदार से लड़ाई नहीं करते हैं और न ही धीरज खोते हुए परिणाम आने से पहले बगावत करने की मंशा जाहिर करते हैं।
अब जब यह स्पष्ट हो चुका है कि कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता आपस में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने बाद आपस में गुथम गुंथी होने वाले हैं, तब ऐसे में क्या कांग्रेस पार्टी आलाकमान को बिच में मध्यस्थता करते हुए मामले में ढंडा पानी डालने हेतू आगे नहीं आना चाहिए?
आखिरकार कांग्रेस हाईकमान दोनों धड़ों को शांत बैठ कर चुप बैठने की सलाह क्यों नहीं दे रही है? क्या इस तरह से पार्टी में चल रही गुथमगुथी और कांग्रेस पार्टी हाईकमान की चुप्पी से आपरेशन लोटस को हवा नहीं मिल सकती है?
ना बाबा ना बघेल बरसों से चली आ रही आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग को अमलीजामा पहनाने हेतू राहुल गांधी कर सकते हैं बस्तर से बड़ा खेल।

2024 में देश के अंदर लोकसभा चुनाव संपन्न होना है। लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी बिते कई वर्षों से जी जान लगा कर देश के सियासी मैदान में तैयारी करते हुए दिखाई दे रही है। शायद इसलिए राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को अगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी को मजबूत स्थिति में पहुंचाने की कवायद माना जा रहा है। इसका फायदा यह देखने को मिला है कि कांग्रेस पार्टी के लगभग हर बड़े छोटे नेता केंद्र में स्थित मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों पर भी मजबूती के साथ तीर छोड़ते हुए देखे जा रहे हैं। ऐसे में दिलचस्प बात यह है कि राहुल गांधी के द्वारा लगातार जनता से जुड़े हुए मुद्दों पर बेबाक तरीके से किए जा रहे सवालों पर आम जनता खुश हो रही है और लोगों की चेहरों पर छाई खुशी कांग्रेस पार्टी के लिए किसी सोने की चम्मच से कम नहीं है। अब देखना यह है कि हाल के दिनों में हो चुकी विधानसभा चुनाव या फिर होने वाली विधानसभा चुनाव के परिणाम कांग्रेस पार्टी के लिए क्या लेकर आती है। चूंकि बिते कुछ वर्षों के दौरान आपरेशन लोटस का एक लंबा दौर आम जनमानस को देश के अंदर कई राज्यों की सियासी सरजमीं पर देखने को मिली है। लिहाजा आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव और होने वाले विधानसभा चुनाव का रिजल्ट काफी मायने रखता है।
छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस पार्टी रिज़ल्ट आने से पहले आपरेशन लोटस की सुगबुगाहट को हवा देते हुए नजर आ रही है। कारण स्पष्ट है बाबा और बघेल की लगातार मुख्यमंत्री पद को लेकर सार्वजनिक तौर पर बयान। वंही अटकलें यह भी लगाई जा रही है कि बाबा और बघेल के बीच में चल रही इस घमासान को खत्म करने हेतू छत्तीसगढ़ राज्य में बरसों से चली आ रही आदीवासी मुख्यमंत्री की मांग पर राहुल गांधी हरी झंडी दिखा सकते हैं।

दीपक बैंज बन सकते हैं छत्तीसगढ़ राज्य के अगले मुख्यमंत्री। पूर्व सांसद के साथ वर्तमान छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष हैं दिपक बैज।
दमदार राजनीति पृष्ठभूमि और ईमानदार छवि के साथ बेबाक तरीके से अपनी बात को रखने हेतू पहचाने जाते हैं दिपक बैज।दीपक बैंज को मुख्यमंत्री बना कर अगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आदीवासीयो को अपने पाले में कर सकती हैं कांग्रेस पार्टी।