बालोद:- छत्तीसगढ़ राज्य की पावन भूमि पर वैसे तो धान की खूब पैदावारी यंहा के मेहनतकश माटी पुत्र किसान करते हुए आये है। जिसके चलते इस मिट्टी को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन विगत कुछ वर्षों से इस मिट्टी पर राज करने की मंशा रखने वाले माटी पुत्र किसानों के धरतीपुत्र नेताओं ने धान की जगह बखूबी तरीके से धनिया बोंतें हुए भी दिखाई दिए है। खैर बाजार में धनिया का भी बहुत बढ़िया दाम मिलता है, लेकिन ज्यादा धनिया छत्तीसगढ़ राज्य की धनहा मिट्टी के लिए ज्यादा उचित नहीं है,इसलिए माटी पुत्र किसानों की धरती पुत्र संतानों को धान पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है बजाए धन के। बहरहाल प्रदेश में होने वाले लगभग हर विधानसभा चुनाव के दौरान यह देखना आम बात हो गया है कि सत्ता हथियाने के लिए एक राजनीतिक दल दूसरे दल से जुड़े हुए बड़े बड़े कारनामों को चुनाव में भूनाने हेतू आम जनता के मध्य रखते है, ताकि उन्हें होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल हो सके।
जबकि अपने किए कराए पर कोई भी बोलना नहीं चाहता है। डाक्टर रमन सिंह के कार्यकाल में हुए प्रियदर्शनीय बैंक घोटाले की खुलासे से लेकर अश्लील सीडी कांड और उसके बाद अब शुभम सोनी का महादेव सट्टा एप कांड का विडियो इस बात की सीधे तौर पर तस्दीक करती है, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद सब शांत और स्थिर हो जाता है।
अब ऐसा क्यूं होता है यह तो भगवान और करने वाले इंसान ही जाने, लेकिन चुनाव में छीछालेदर मचाने के लिए इस तरह के हथकंडों को आजमाना फिर सब शांत हो जाना, यह स्वच्छ राजनीतिक शिष्टाचार की पराकाष्ठा को अमर्यादित राजनीतिक आचरण से बदनाम करने की कवायद से ज्यादा कुछ नहीं है। फिलहाल प्रदेश में ईडी और केन्द्रीय जांच एजेंसियां सक्रिय हैं और भूपेश बघेल सरकार से जुड़े हुए कई कथित घपलों की जांच हेतू तमाम तरह की धर पकड़ को अंजाम दे रही है। अब जांच में कौन दोषी साबित होगा यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन सरकार से जुड़े हुए लगभग हर मामले इस चुनावी समर के मौसम में आम आदमी के बीच तेज गति से फैलाई जा रही है। कुछ इसी तरह से जुड़े हुए एक और वाक्या संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक रण भूमि से प्राप्त हुई है।
जंहा पर मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि में कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए लोगों को लाभ पहुंचाने की बात कही जा रही है, हालांकि वायरल दस्वावेज में समाज के अंदर मौजूद कुछ ऐसे तबकों का नाम शामिल हैं जिनके बारे में जानकर कोई भी व्यक्ति का मन पसीज जायेगा।
दरअसल ग्राम पंचायत परसुली में रहने वाली दो विधवा बहनों का नाम इस दस्तावेज में शामिल है, जो कि नियमत: सही है। चूंकि दोनों महिलाए आर्थिक रूप से काफी कमजोर है और अपने परिवार को चलाने हेतु खुद मैदान पर डटकर मुकाबला कर रही है।
पुष्पा नागवंशी और खिलेश्वरी सिन्हा नाम की दोनों महिलाएं विधवा बहन है। जिन्हें 50 - 50 हजार रुपए की आर्थिक सहयोग संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक संगीता सिन्हा की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान राशि के तहत प्राप्त हुई है। साथ ही ईश्वर के इच्छा से नतमस्तक इन दोनों बहनों को विधायक संगीता सिन्हा ने जब जब उन्हें जरूरत पड़ेगी तब तब उनके साथ खड़े होने की बात कही है। आज विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से संगीता सिन्हा दोबारा संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की प्रत्याशी चयनित हुई है। संगीता सिन्हा और कांग्रेस पार्टी के सभी कर्मठ कार्यकर्ता इन दिनों गांव गरीब किसान और मजदूरों की भरोसे की सरकार को जीत दिलाने के लिए गली गली में प्रचार कर रही और कांग्रेस पार्टी की बात सभी मतदाताओं तक पहुंचा रही है तब मुद्दा विहीन विपक्षी लोग राजनीतिक साजिश के तहत संगीता सिन्हा के दुष्प्रचार करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
दुष्प्रचार करने वाले लोगों की नियत उन्हें बदनाम कर चुनाव में नुकसान पहुंचाना है इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन जरा सोचिए संगीता सिन्हा को नुकसान पहुंचाने से असल नुकसान किसका होगा?
कांग्रेस पार्टी की भूपेश बघेल सरकार असल मायने में जैसा कि हमने पहले ही कहा है कि गांव गरीब किसान और मजदूरों की सरकार है यदि छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस पार्टी की दोबारा सरकार बनती है तो फिर से जैसा कि पहले किया जा चुका है किसानों की कर्जा माफ, धान का समर्थन मुल्य में इजाफा, भूमिहीन मजदूरों को दस हजार रूपया महीना और भी जनकल्याणकारी योजनाएं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के सरकार बनते ही संचालित होगी।