@विनोद नेताम
बालोद : संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकास की नदियां को गांव गांव तक बहाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली स्थानीय विधायक संगीता सिन्हा जिसे कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ विधानसभा के तमाम सदस्यो ने उनकी इस उपलब्धियों के मद्देनजर उत्कृष्ट विधायक का सम्मान से ना सिर्फ नवाजा है, बल्कि संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र का भी मान बढाया है। संगीता सिन्हा के द्वारा किए गए प्रयास समाज के अंदर मौजूद हर छत्तीसगढ़िया बेटियों को राजनीति के क्षेत्र में आगे आकर काम करने हेतू प्रोत्साहित भी करती है। राजनीतिक दृष्टिकोण के हिसाब से देखें तो विधानसभा क्षेत्र में संगीता सिन्हा के द्वारा किए गए कार्य महिलाओं के लिए बहुत बढ़िया उदाहरण है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव हेतू कांग्रेस पार्टी की ओर से संगीता सिन्हा को संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र हेतू मजबूत उम्मीदवार की तौर पर देखा जा रहा है। चूंकि संगीता सिन्हा के कार्यकाल में पूरे संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र के अंदर करोड़ों रुपए के विकास कार्य जनता की उन्नति और समृद्धि के लिए कराए गए हैं।लिहाजा विधानसभा में विधायक संगीता सिन्हा के द्वारा किए गए विकास कार्यों को देखते हुए उनकी उम्मीदवारी को लगभग तय माना जा रहा है, लेकिन उनके ही करीबी नेताओं की नये नये कारनामे और उनके कारनामों से जुड़े हुए नये नये तमाम खबर कांग्रेस पार्टी की मुख्य चेहरा मानी जा रही विधायक संगीता सिन्हा की उम्मीदवारी को संकट के दायरे में ले जाकर मुरीयामेट करने में जुटे हुए बताए जा रहे हैं। जिसके चलते विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण तेजी के साथ बदलने की प्रबल शंका जाहिर किया जा रहा है। अब स्थानीय विधायक संगीता सिन्हा की छवि को कोई दुसरा तो नुकसान नहीं पहुंचा सकता है, इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए और माना भी जाता रहा है, कि जितना नुकसान एक करीबी व्यक्ति पहुंचा सकता है वह किसी दुश्मन भी नहीं पहुंचा सकता है। अब कौन करीबी हैं और किसने लोकप्रिय और एक बेहतरीन व्यक्तित्व के धनी छत्तीसगढ़ महतारी की कर्मठ बेटी के नाम को मुरीयामेट करने पर तूले हुए हैं,यह बताने की आवश्यकता नहीं है। यह हम अपने पाठकों के विवेक पर छोड़ देते हैं। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ राज्य की सियासी सरजमीं पर मौजूद रहने वाले तमाम राजनीतिक दल की सरकार और सियासी तूरर्मखां सत्ता की हुनक के दम पर विकास कार्यों से जुड़े हुए तमाम सरकारी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने हेतू अपने गुर्गों का इस्तेमाल करते हुए अबतक दिखाई देते हुए पाये गए हैं। भारतीय जनता पार्टी भी प्रदेश में पूरे पंन्द्रह साल तक सिरमौर बन कर काबिज रही है। इस दौरान भी यही स्थिति लोगों को देखने को मिला है। लगभग सभी विकास कार्यों में सरकार आम जनता के काठी मेहनत की कमाई को पानी की तरह सत्ता शिखर पर मौजूद रहने वाले सत्ताधारी नेताओं के इशारों पर इन गुर्गों के हवाले इस उम्मीद पर खरा उतरने हेतू खर्च करने का दम भरती है कि भरोसे की बुनियाद को मुकम्मल तरीके से कायम रखा जा सके, लेकिन हैरानी की बात यह बताई जाती है कि सरकार की भरोसे और आम जनता की मेहनत से कमाई हुई पैसों का इस्तेमाल सत्ताधारी दल से जुड़े हुए नेता और उनके गुर्गे कमीशनखोरी के भेंट चढ़ाने में कोई विलंब नहीं कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पूरे विधानसभा क्षेत्र के अंदर विधायक संगीता सिन्हा और उनके करीबी कांग्रेसी नेताओं ने सरकारी निर्माण कार्यों को ईमानदारी से करने की बात कहते हुए लगभग करोड़ों रुपए कमीशनखोरी को चरम पर अंजाम दिया है।

सत्ता की हुनक से सराबोर गुरूर ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ठेंकेदार तामेश्वर साहू और एक अन्य कांग्रेसी ठेंकेदार ने किया स्थानीय विधायक संगीता सिन्हा की उपलब्धियों की ऐसी की तैसी। खनिज न्यास मद और विधानसभा निर्वाचन विकास मद के तहत बनाई गई सी सी रोड़ मिट्टी के रोड़ जैसे लायक तक नहीं है।
राजनीतिक रण भूमि क्षेत्र के नाम से मशहूर गुरूर विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत कई ग्राम पंचायतों में कांग्रेस पार्टी के स्थानीय नेताओं और ठेंकेदारो के द्वारा विकास कार्य में खुलेआम लापरवाही बरती गई है। विकास कार्यों में बरती गई लापरवाही के चलते ना सिर्फ सरकार की भरोसे का सत्यानाश हुआ है बल्कि विधायक संगीता सिन्हा की छवि को भी खासा नुकसान पहुंचा रहा है।

ग्राम पंचायत चिटौद और ग्राम पंचायत मोहारा में बनाई गई लाखों रुपए तक की सी सी रोड विकास कार्यों में की गई कमीशनखोरी को प्रमुखता से जाहिर कर रहा है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी की ओर से संगीता सिन्हा की उम्मीदवारी को लेकर सवाल खड़े होना लाजिमी माना जा रहा है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि आगे आने वाले समय के दौरान ऊंट आखिरकार किस करवट बैठती है।