बालोद /गुरुर -: राजनीति शास्त्र के महान ज्ञाताओं ने भी भारत की इस महान धरती को राजनीति का पाठशाला बताया है। भारत आज पूरे विश्व भर में सबसे बड़े लोकतांत्रिक मूल्यों की मर्यादा रखने वाले देशों की पहली कतार में खड़े होकर समस्त मानव संसार को लोकतांत्रिक मूल्यों की परिभाषा सिखाते हुए देखा जा सकता है ,लेकिन महान भारत की इसी धरती पर रहने वाले लोगों को कभी कभी ऐसा क्यों मशहूस होता है, कि लोग कहने लग जाते हैं, कि ऐसा कोई नेता नहीं जिसने जनता को ठगा नहीं ? क्या लोकतांत्रिक मूल्यों के मर्यादा की कसौटी पर दुनिया को लोकतंत्र की परिभाषा सिखाने वाले राष्ट्र के लिए यह शब्द उचित है? निश्चित रूप से भारतीय राजनीति के महानायकों को लेकर लोगों का इस तरह से विचार व्यक्त करना चिंता जनक और निंदनीय माना जा सकता है। यह किसी भी जिम्मेदार लोकतांत्रिक मूल्यों की मर्यादा को जीने वाले देश के सभ्य राजनेताओं के लिए यह शब्द चूल्लू भर पानी में डूब मरने लायक माना जा सकता है। लिहाजा लोगों की इस विचारधारा के प्रति सचेत रहते हुए सभी राजनेताओं को राजनीतिक आचरण का प्रदर्शन करना चाहिए ताकि लोगों के मन में उत्पन्न होने वाले इस तरह के विचारों को बदला जा सके और लोकतांत्रिक मूल्यों की मर्यादा को और ज्यादा मजबूती से बहाल किया जा सके। अब यह क्या संभव हो सकता है? यह तो संसार के सबसे बड़े लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाड़ी ही जानते व समझते होंगे और उन्हें ही समझना है और जानना है, क्योंकि राजनीति उनकी पहचान है और उन्ही का काम है,लेकिन लोगों के मन में उत्पन्न होने वाली इस तरह की धारणा में बदलाव कब संभव हो पायेगी इस पर लोगों को शंका है। बहरहाल छत्तीसगढ़ राज्य में कुछ दिन बाद विधानसभा चुनाव होना तय है। इस बीच प्रदेश के अंदर भ्रष्टाचार को लेकर केन्द्रीय जांच एजेंसियां लगातार विभिन्न घपले और घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की नाक में दम कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ ईडी की टीम चारों तरफ से शिकंजा कस चुकी है। वंही सरकार भी ईडी के शिंकजे में बुरी तरह से जकड़ी हुई नजर आ रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार अपनी बचाव में बार बार सिर्फ एक ही बयान देते हुए दिखाई दे रहे है। सरकार और मुख्यमंत्री की मानें तो भाजपा के पास चुनाव जीतने के लिए कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए भाजपा छत्तीसगढ़ सरकार को बदनाम करने की नियत से जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। अब सरकार की इन बातों में कितनी सच्चाई है,यह तो वक्त ही तय करेगा,लेकिन यह भी सत्य है कि मौजूदा सरकार के इस कार्यकाल में ऐसे अनगिनत काम होने की जानकारी लोगों के मध्य है, जो कि पूर्ण रूप से नियम विरुद्ध तरीके से किया गया है। जिसमें अवैध शराब कारोबार और अवैध सट्टा कारोबार जैसे अनेक कारनामों का जिक्र है। इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि कोई भी राजनीतिक दल अपनी ही पार्टी के नेता के खिलाफ कभी भी किसी भी तरह की कार्यवाही को अंजाम देना पसंद नहीं करती है। जिसका नाजायज फायदा उठाते हुए अनेक सफेदपोश नेता अपनी ग़लत मंशूबो को अंजाम देने से भी बाज नहीं आते हैं। लिहाजा सैंय्या भये कोतवाल तो डर किस बात का इस कहावत को चरितार्थ करते हुए देखें जाते हैं। कई बार इन सफेदपोश नेताओं की करतूतों पर सरकार की मर्यादा सफाई देने के लायक तक नहीं बचती है,यदि इस दौरान सफेदपोश नेता गाली गलौज करने पर उतारू हो जाए तब इसे क्या कहेंगे विपक्षी राजनीतिक दल की साज़िश है? हरगिज नहीं! ताजा मामला छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिला से संबंधित है। जंहा पर एक जिम्मेदार मोहब्बत के दुकानदार की नफरत भरी जुबान अखबारों की सुर्खियों में खूब वाहवाही बटोर रही है। उक्त घटना को लेकर भी तरह तरह की धारणा लोगों के द्वारा गढ़ी जा रही है, जिसका जिक्र हम आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। दरअसल संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र के पत्थरीली सियासी सरजमीं पर सजने वाली नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकानदारी चलाने वाले एक दुकानदार की करतूत अखबारों के जरिए इन दिनों खूब वाहवाही बटोर रही है। अखबार में छपी हुई खबरों को पढ़ने के बाद ज्यादातर लोगों की मानें तो संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र में जंहा अवैध सट्टा कारोबार और अवैध शराब व्यापार जैसे असमाजिक कल्याणकारी नीतियों के दम पर सरकार की छवि को दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की प्राप्त करने में कामयाबी मिली है। वंही सरकार को इस सफलता तक ले जाने में इस दुकानदार की मुख्य भूमिका रही है।
ग्राम चिरचारी के ग्रामीणों द्वारा सिलेंडर का वजन कराते हुए वायरल वीडियो
ऐसे में सामने विधानसभा चुनाव है। लिहाजा बांकी कसर को रसोई गैस सिलेंडर में कालाबाजारी करके पूरा करने कयावद को पूरा करने की तैयारी में यह नफरत के बाजार में मौजूद सिलेंडर चोर दुकानदार को जुटा हुआ बताया जा रहा है।
क्या सचमुच संजारी बालोद की नफरत के बाजार में सिलेंडरों से गैस चोरी करने वाले मोहब्बत के दुकानदार।
की दुकानदारी चलाने वाले लोग रसोई गैस सिलेंडर में कालाबाजारी को अंजाम दे रहे हैं? आखिरकार बालोद जिला प्रशासन सत्ता सरकार के दम पर जनता को नौकर और कानून को अपनी जागिर समझने वाले मोहब्बत के बाजार में बैठे नफरत के सौदागरों को कब सबक सिखाने में सफलता हासिल कर पायेगी यह एक बड़ा सवाल है ....