छत्तीसगढ़ राज्य में भ्रष्टाचार को लेकर किसका कूनबा किस पर भारी। रमन सिंह जेल जाने से चुके अब भूपेश बघेल की बारी।
बीते दिनों ठाकुर रमन सिंह को एक निजी ख़बरिया चैनल में भ्र्ष्टाचार पर उपदेश देते हुए देख कर कुछ लोग मन ही मन मुस्कुरा रहे होंगे। बात ही भ्रष्टाचार को लेकर हो रही थी और वो भी डाक्टर रमन सिंह के मुखारविंद से जिनके मुख्यमंत्री रहने के दरमियान भ्रष्टाचार को लेकर अपने ही पार्टी के विधायको की कमीशनखोरी पर खुलेआम बोल बचन की आजमाइश कर चुके हैं। बोल बचन में उनके द्वारा कहा गया था कि पार्टी के मंत्री और विधायक यदि कमीशन लेना बंद कर देंगे तो उनकी सरकार 35 साल तक छत्तीसगढ़ राज्य में अपराजेय रहेगी।प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला से जुड़ी हुई नार्को टेस्ट आज भी लोगों की जुबान से उतरी नहीं है। अतः आज भी लोगों को कुछ हद तक ठाकुर रमन सिंह के चेहरे से घमंड और सफेद झूठ का नजारा खुलेआम दिखाई देता है। सोशल मीडिया के खुले मंच को माध्यम बनाकर भ्रष्टाचार पर प्रवचन देने वाले ठाकुर रमन सिंह से कई लोग पुछना चाह रहे हैं कि पनामा पेपर्स वाला "अभिषाक सिंह" कौन है? जिसने काले धन और मनी लांड्रिंग को छुपाने के लिए विदेश में बनाई गई शैल कंपनी में अपना पता "रमन मेडिकल स्टोर कवर्धा" लिखवा कर रखा हुआ है? लोगों का सवाल है,कि अगर किसी व्यक्ति ने रमन सिंह के पते का गलत इस्तेमाल किया था तो रमन सिंह ने इसके लिए पुलिस में आजतक कोई एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई?क्यों ठाकुर रमन सिंह ने मामले पर चुप्पी साध रखी है। कैसे "अभिषाक सिंह"के नाम का सोशल मीडिया एकाउंट जिसमें ठाकुर रमन सिंह के सारे नाते रिश्तेदार और करीबी पुलिस अधिकारी जुड़े हुए थे, अचानक पनामा पेपर्स कांड के खुलासे के बाद बंद हो जाता है?ज्ञात हो कि पनामा स्थिति लॉ फर्म मोजैक फोंसेका के लीक हुए 1.1 करोड़ डॉक्यूमेंट्स में दुनिया भर के कई प्रभावशाली लोगों द्वारा अपनी दौलत छुपाने और टैक्स चोरी करने के लिए शेल कंपनियों के सहारा लिए जाने का मामला था। इस लिस्ट में दुनिया भर के 140 ताकतवर राजनेताओं का नाम शामिल है। इनमें 500 भारतीय लोगों के भी नाम शामिल हैं। पनामा पेपर्स में काले धन को शैल कंपनियों के जरिये ठिकाने लगाने वालों की सूची में गौतम अडानी का भाई विनोद अडानी,अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन,पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश सालवे जैसे बड़े नाम शामिल हैं। ऐश्वर्या राय बच्चन और अभिषेक बच्चन से तो इस मामले में पूछताछ भी हो चुकी है। पर सवाल फिर से वही है ईडी,आईटी,सीबीआई पनामा पेपर्स के आधार पर इन रसूखदारों सहित "अभिषाक सिंह" पर कार्यवाही कब करेगी? वर्तमान समय में केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं को दबोचने हेतू किया जा रहा है इस तरह के आरोप मढ़े जाते है,जबकि मोदी सरकार भ्रष्टाचार को लेकर आज भी डंके की चोंट पर कार्यवाही करने की बात कह रही है। यह सवा आना सत्य है कि बीते नौ साल के इस अमृतकाल के दौर में विरले ही भाजपाई नेता होंगे जिन पर भ्रष्टाचार में शामिल या लिप्त होने की बात फौरी तौर पर कहीं जाती रही है, लेकिन मजाल है कि भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की बात कहते हुए 56" इंच का सीना दिखाने वाले सरकार के जांच एजेंसियों ने कभी इन भाजपाई नेताओं की ओर तिरछी नजर से देखा तक होगा। इस बीच कई भाजपा नेता खुलेआम सत्ता पावर की अंहकार में चूर देखें व पाये गए हैं। भाजपाई नेताओं के साथ दूसरे राजनीतिक दल के भाजपा समर्थित नेताओं की भी दामन बेदाग बनकर चकाचक हो गई है। छत्तीसगढ़ राज्य एक गरीब और पिछड़े हुए राज्य के तौर पर देखा जाता है। यंहा लोग काफी सीधे-सीधे और भालेभाले बताए जाते हैं। ऐसे में नरेंद्र मोदी सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह को लेकर कहीं जा रही भ्रष्टाचार के मामले में भी जांच पड़ताल और पुछताछ करना चाहिए ताकि मोदी सरकार की भ्रष्टाचार को लेकर जो कमेंटमेंट देखने व सुनने को मिलती हैं उसकी पूर्ण रूप से भरपाई हो सके।
छत्तीसगढ़ राज्य में कुछ दिन बाद विधानसभा चुनाव सम्पन्न होना है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए नेताओं, नौकरशाहो और कारोबारियों को कथित घपलों में शामिल हैं करके जेल भेजा जा रहा है। हालांकि कांग्रेस पार्टी के सरकार में कुछ ऐसे अनिगनत काम हुए हैं जो कि एक सरकार को करना शोभा नहीं देता है। मशलन अवैध सट्टा कारोबार, अवैध शराब कारोबार, अवैध रेत उत्खनन,वैगरह वैगरह,लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह और उनके कूनबा की सच्चाई को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े हैं।