बालोद : छत्तीसगढ़ राज्य के संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक रणभूमि गुरूर में बिते कल कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की एक दिवसीय कार्यशाला मोर बूथ मोर अभियान, मोर विधायक मोर सम्मान पर एक बड़ा कार्यक्रम कोलिहामार गुरूर में स्थित साहू सदन में आयोजित किए जाने की सूचना प्राप्त हुई है। उक्त कार्यशाला में क्षेत्र के लगभग सभी कांग्रेसी कार्यकर्ता बुलाए गए थे। जिसमें सक्रिय रूप से कांग्रेस पार्टी के लगभग सभी कार्यकर्ता, पदाधिकारी,बूथ अध्यक्ष, सेक्टर प्रभारी वैगरह वैगरह शामिल हुए थे। गांव गांव से निकल कर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता बड़े संख्या में भाग लेने हेतू इस कार्यशाला में पहुंचने की जानकारी प्राप्त हुई है। इस बिच यह भी जानकारी निकल कर सामने आई है, कि कांग्रेस पार्टी के ऐसे कई वरिष्ठ कांग्रेसी कार्यकर्ता जिनकी पार्टी और लोगों के मध्य काफी अच्छी पकड़ देखी जाती रही है उनकी उपस्थिति इस कार्यशाला में ना के बराबर रही है। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस पार्टी की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में वरिष्ठ और कद्दावर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति क्यों देखने को नहीं मिली है इसका जवाब तो इस कार्यशाला को आयोजित करने वाले लोग ही जानते हैं लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्ता धारी पार्टी की विधायक के सम्मान में आयोजित इस कार्यशाला से इस तरह से वरिष्ठ और अनुभवी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का किनारा हो जाना यह कांग्रेस पार्टी के लिए और संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा के लिए चिंता का विषय हो सकती है। चूंकि इस कार्यशाला को सफल बनाने हेतू दिल्ली से बकायदा ट्रेनर बुलाये जाने की सूचना है। ऐसे में गुरूर के आसपास रहने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं का इस कार्यशाला में ना पहुंचना कई शंकाओं को जन्म दे रही है। कांग्रेस पार्टी और मौजूदा विधायक संगीता सिन्हा को लोगों के मन में उठने वाली इस शंका का समाधान करने हेतू आगे आकर जवाब देना चाहिए कि आखिरकार संंजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक रण भूमि क्षेत्र में मौजूद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में क्यों नहीं पहुंचे? क्या मोर बूथ मोर अभियान, मोर विधायक मोर सम्मान कार्यशाला में उनकी उपस्थिति अनिवार्य नहीं था क्या वे लोग स्थानीय विधायक संगीता सिन्हा से नाराज़ चल रहे हैं और उनका सम्मान नहीं करना चाहते हैं? ऐसे अनगिनत सवाल है जिनका जवाब मौजूदा समय पर आम जनता को चाहिए, लेकिन देखना यह है कि हर बार की तरह सवालों से बचकर निकल भागने वाले सत्ताधारी पार्टी के नेता इस बार लोगों की इन सवालों का जवाब देने हेतू आगे आयेंगे अथवा नहीं। मामले को लेकर इस कार्यशाला से दुरी बनाने वाले कुछ वरिष्ठ और अनुभवी कांग्रेसी नेताओं से हमने वस्तुस्थिति की जानकारी लेते हुए मामले पर उनका विचार जानने का प्रयास किया तो उनके द्वारा एक ही शब्द कहा गया कि सत्ता के अंहकार में चूराचूर लोगों को सम्मान की आवश्यकता कम और चाटुकारिता की जरूरत अधिक होती है। पार्टी हमारे लिए मां समान है और हम पार्टी के हितो से समझौता नहीं करेंगे।
कांग्रेस पार्टी की मोर बूथ मोर अभियान,मोर विधायक मोर सम्मान कार्यशाला कितना सफल।
▪️डूबते नैया को तिनके का सहारा ▪️