
सत्ता धारी राजनीतिक दल से जुड़े हुए मामलों में बिल में घुंसकर आराम फरमाते हुए नजर आने वाले कुख्यात लूटेरो को कम से कम अपनी नहीं तो अपनी पेशा का मान रखना चाहिए। भ्रष्टाचार समस्त मानव जाति के लिए एक गंभीर महामारी है। अतः इससे समझौता किसी भी सुरत में स्वीकार नहीं है। भ्रष्टाचार को समाज के मध्य अंजाम देने वाला व्यक्ति सिर्फ भ्रष्टाचारी है। ना कोई भाजपा और ना ही कोई कांग्रेस और ना ही कोई अन्य राजनीतिक दल।
◆◆सांसद स्वेच्छानुदान राशि मामले में कमीशनखोरी के चलते भाजपा की गुल्लक में सेंध लगाकर चुपचाप कांग्रेसी नेताओं के गुल्लक में सिक्के जमा करने वाले कलयुग के नई दुनिया में मौजूद नामचीन लुटेरों को पुराने जमाने में कुख्यात शातिर लूटेरो के तौर पर जाना व पहचाना गया है। ऐसे में इन नई दुनिया के नामचीन लूटेरो को आज जिले में मौजूद लूटेरो की कबिले के सरदार का संरक्षण प्राप्त होने की जानकारी मिली है। जिसके चलते नई दुनिया के साधु रूपी बेईमान समाज को साधु बनकर अपने मुताबिक लूटने की नियत से कबिले के सरदार का चेहरा चमकाने हेतू भाजपा पर रोजाना कमीशनखोरी का किचड़ फेंकते हुए दिखाई दे रहे हैं।◆◆
बालोद : राजनीति की कार्यशाला में कारगार रणनिती की नितांत आवश्यकता होती है। इसलिए माना जाता है कि राजनीति में शाम, दाम दण्ड, भेद के तहत राजनीति की रणनीति लगभग हर राजनेता तैयार करते हैं। सामने चुनाव हो तो राजनेताओं की राजनीतिक रणनीति और ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में राजनीतिक उथल-पुथल मचना स्वाभाविक माना जाता है। बहरहाल इस तरह की उथल-पुथल की खबर इन दिनों छत्तीसगढ़ राज्य की संजारी बालोद विधानसभा के सियासी सरजमीं में मौजूद राजनीतिक रण भूमि की क्षेत्र के नाम पर मशहूर गुरूर विकासखंड क्षेत्र से मिल रही है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से आज के नई दुनिया में मौजूद कुख्यात लूटेरो के द्वारा साजिश के तहत भारतीय जनता पार्टी की एक युवा नेता के नियत पर सवाल उठाते हुए पार्टी पर लगातार किचड़ फेंके जा रहे है। कुख्यात लूटेरो के द्वारा फेंकी जा रही किचड़ से भारतीय जनता पार्टी के लगभग हर नेता परेशान हो चुके है। मामले को लेकर भाजपा की अंदरूनी अंतकलह खुलकर सबके सामने तक आ गई हैं। जिसका फायदा किचड़ फेंकने वाले लोग बखूबी तरीके से उठा रहे हैं। जाहिर सी बात है सामने विधानसभा चुनाव है। ऐसे में कमीशनखोरी जैसे दाग पार्टी के लिए सही नहीं है। वैसे कमीशनखोरी के मामले में भाजपा का दामन पुराने दिनों से साफ नहीं रहने की जानकारी जग जाहिर है,लेकिन इस मामले को जिस तरह से तिल का ताड़ बना कर समाज के मध्य प्रस्तुत किया जा रहा है। वह किसी बड़ी राजनीतिक साज़िश की ओर भी इशारा कर रही है। लोगों की मानें तो संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र में मौजूद लुटेरो के कबिले का असल सरदार आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक रणनीति का मुजाहिरा प्रस्तुत करने में जुटा हुआ हैं। जिसके मजबूत इच्छाशक्ति से नतमस्तक लुटेरो के द्वारा सांसद स्वेच्छानुदान राशि में कमीशनखोरी की बात कही जा रही है जबकि मामले से संबंधित जुड़ी हुई महिला मामले की गंभीरता को समझते हुए यह कह रही है कि वह कमीशनखोरी के तहत पैसा नहीं दिया है और ना ही अजेन्द्र साहू लिया है, लेकिन जिस तरह से कुछ लोग मामले में घटिया और सस्ती राजनीति का मुजाहिरा प्रस्तुत कर रहे हैं। वह निंदनीय है, चूंकि उन्हें राज्य सरकार से भी सहयोग और सहायता मिलना चाहिए जो अब तक मुनासिब नहीं हुआ है। जबकि हमारे संजारी बालोद में महिला विधायक होने के बावजूद कभी भी हमारे दुख तकलीफो को देखने सुनने कभी चौखट पर दस्तक दिया ही नही है। ऐसे स्थिति और मुसीबत के समय मुझे सांसदनिधि कोस से जो स्वेच्छानुदान राशि सहयोग के रूप में प्राप्त हुई है उसमें सबसे बड़ा योगदान सांसद प्रतिनिधि अजेन्द्र साहू का है। उन्होंने इस राशि को मुझे दिलाने में निःस्वार्थ सेवा भावना का प्रमाण दिया है। ऐसे में कुछ लोग भ्रामक बातों को मुद्दा बनाकर कमीशनखोरी की बात को लेकर रोजाना भाजपा पर किचड़ फेंकने वाले लोग राज्य सरकार से मेरी सहायता करने हेतू कुछ भी नहीं कह रहे हैं। सिर्फ कमीशनखोरी मामले को लेकर सस्ती राजनीति में मेरा नाम बार बार इस्तेमाल किया जा रहा है।