बालोद/गुंडरदेही- : छत्तीसगढ़ राज्य के अलग अलग हिस्सों में बावनपरी गेम के माहिर कद्रदान इस खेल को पुलिस महकमा और कानून की पकड़ से दूर एकांत और महफूज जगह पर परियों की तरह महफ़िल सजाए पाये गए हैं। हालांकि कानून के रखवालों को जब जब इसकी भनक लगी है तब तब इन महफ़िलो में धरपकड़ की कार्रवाई हुई है, जबकि लोगों को यह कहते हुए भी सुना गया है कि बावनपरी का महफ़िल यूं नहीं सजती है। बकायदा कानून के रखवालों को महफूज महफिल सजने की जानकारी रहती है और इन महफ़िलो पर कार्यवाही भी जानकारी देकर किया जाता है। इस दौरान महफ़िल में बैठने वाले बावनपरी के कद्रदानों को यह पता नहीं होता है कि आज उन्हें बली के बकरा बनाकर पेश किया जाएगा। कहने का मतलब यह है कि सब चीजें सेटींग और जुगाड़ से चलता है। यंहा तक यह भी तय रहता है कि कब तक महफ़िल सजना है और महफ़िल सजने के दौरान कब कार्यवाही होगी और पुलिस की कार्यवाही में कौन पकड़ा जाएगा। सेंटींग और जुगाड़ में सब स्तर के ओहदेदार और पहरेदार का सेंटींग और जुगाड़ फिक्स रहता है। बहरहाल बालोद जिला के गुण्डरदेही विकास खंड क्षेत्र अंतर्गत बोरगहन,रजोली, फुंडा, के आसपास गांवों की बियाबान में किसी अज्ञात व्यक्ति और उनके गुर्गों के माध्यम से गांवों में महफूज बावन परी की महफ़िल सजने की खबर है। सूत्रों की मानें तो इस क्षेत्र में लगातार जुंआ खेलने के शौकीन खिलाड़ी महफूज महफिल में जाकर बावनपरी गेम का आंनद लेते हुए देखे गए है। भिलाई दुर्ग, रायपुर धमतरी बालोद गुण्डरदेही जैसे शहरों से बड़े बड़े लोग आकर इस खेल और इस महफिल का लूफ्त लेते हुए दिखाई देने की खबर है। महफ़िल में कद्रदानों के लिए शराब, कबाब और शबाब का जुगाड़ अक्सर महफिल सजाने वाले लोग बंदोबस्त किया करते हैं। महफूज महफिल सजने की जगह कद्रदानों को फोन के माध्यम से सूचना देकर दिया जाता है और महफूज महफिल तक पहुंचाने से लेकर महफ़िल में बैठने तक के लिए कद्रदानों को रूपय खर्च करना पड़ता है। टाप भारत ने मामले को लेकर पहले भी खबर प्रकाशित किया था लेकिन महफ़िल सजने की जगह से संबंधित विषयों की जानकारी के अभाव में जगह का खुलासा नहीं किया गया था लेकिन चूंकि अब हम जगह की पुख्ता जानकारी के साथ दोबारा खबर प्रकाशित कर रहे हैं। ऐसे में देखना यह होगा कि गुण्डरदेही विकास खंड क्षेत्र में मौजूद स्थानीय पुलिस महकमा क्या ऐक्शन लेता है।
बावन परियो की सज रही महफिल।
बालोद/गुंडरदेही- : छत्तीसगढ़ राज्य के अलग अलग हिस्सों में बावनपरी गेम के माहिर कद्रदान इस खेल को पुलिस महकमा और कानून की पकड़ से दूर एकांत और महफूज जगह पर परियों की तरह महफ़िल सजाए पाये गए हैं। हालांकि कानून के रखवालों को जब जब इसकी भनक लगी है तब तब इन महफ़िलो में धरपकड़ की कार्रवाई हुई है, जबकि लोगों को यह कहते हुए भी सुना गया है कि बावनपरी का महफ़िल यूं नहीं सजती है। बकायदा कानून के रखवालों को महफूज महफिल सजने की जानकारी रहती है और इन महफ़िलो पर कार्यवाही भी जानकारी देकर किया जाता है। इस दौरान महफ़िल में बैठने वाले बावनपरी के कद्रदानों को यह पता नहीं होता है कि आज उन्हें बली के बकरा बनाकर पेश किया जाएगा। कहने का मतलब यह है कि सब चीजें सेटींग और जुगाड़ से चलता है। यंहा तक यह भी तय रहता है कि कब तक महफ़िल सजना है और महफ़िल सजने के दौरान कब कार्यवाही होगी और पुलिस की कार्यवाही में कौन पकड़ा जाएगा। सेंटींग और जुगाड़ में सब स्तर के ओहदेदार और पहरेदार का सेंटींग और जुगाड़ फिक्स रहता है। बहरहाल बालोद जिला के गुण्डरदेही विकास खंड क्षेत्र अंतर्गत बोरगहन,रजोली, फुंडा, के आसपास गांवों की बियाबान में किसी अज्ञात व्यक्ति और उनके गुर्गों के माध्यम से गांवों में महफूज बावन परी की महफ़िल सजने की खबर है। सूत्रों की मानें तो इस क्षेत्र में लगातार जुंआ खेलने के शौकीन खिलाड़ी महफूज महफिल में जाकर बावनपरी गेम का आंनद लेते हुए देखे गए है। भिलाई दुर्ग, रायपुर धमतरी बालोद गुण्डरदेही जैसे शहरों से बड़े बड़े लोग आकर इस खेल और इस महफिल का लूफ्त लेते हुए दिखाई देने की खबर है। महफ़िल में कद्रदानों के लिए शराब, कबाब और शबाब का जुगाड़ अक्सर महफिल सजाने वाले लोग बंदोबस्त किया करते हैं। महफूज महफिल सजने की जगह कद्रदानों को फोन के माध्यम से सूचना देकर दिया जाता है और महफूज महफिल तक पहुंचाने से लेकर महफ़िल में बैठने तक के लिए कद्रदानों को रूपय खर्च करना पड़ता है। टाप भारत ने मामले को लेकर पहले भी खबर प्रकाशित किया था लेकिन महफ़िल सजने की जगह से संबंधित विषयों की जानकारी के अभाव में जगह का खुलासा नहीं किया गया था लेकिन चूंकि अब हम जगह की पुख्ता जानकारी के साथ दोबारा खबर प्रकाशित कर रहे हैं। ऐसे में देखना यह होगा कि गुण्डरदेही विकास खंड क्षेत्र में मौजूद स्थानीय पुलिस महकमा क्या ऐक्शन लेता है।