रायपुर : बिते कल से शुरू हुए बजट सत्र में आज के दिन सवालों की बौछार और सवालों पर जवाबों की मुलाकात और उसके बाद मच गई बवाल। प्रश्नकाल के पहले ही दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सवालों का सामना करते हुए नजर आयेंगे यह राजनीतिक दृष्टिकोण से सरकार के मुखिया होने के नाते उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। वैसे भी सरकार वे मुखिया और कांग्रेस पार्टी का छत्तीसगढ़ राज्य में चेहरा है। अतः उनका अंतिम बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल में सरकार का नेतृत्व करना उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास जो विभाग कार्यक्षेत्र में मौजूद हैं, उन विभागो से संबंधित प्रश्न बजट सत्र में उठाए गए हैं। जिसमें उर्जा, जनसंपर्क,वित्त,व समान्य प्रशासन शामिल है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री रूद्र गुरू के भी विभागों से संबंधित जुड़े हुए सवाल लगाए गए हैं। कुल मिलाकर कहा जा रहा है कि प्रश्नकाल के पहले दिन याने आज 51 प्रश्न लगाए गए है। वैसे प्रश्न को लेकर विगत दिनों छत्तीसगढ़ में पहले काफी बवाल हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व राज्यपाल रह चुकी अनुसुइया उइके जी छत्तीसगढ़ सरकार से आरक्षण विधेयक लागू करने को लेकर दस सवाल में आरक्षण विधेयक लटक गया। ऐसे में सरकार के जवाब से प्रश्नकाल में सवाल पुछने वाले लोगों संतुष्ट होंगे यह बड़ा सवाल है। बहरहाल ट्रांसफार्मर खरीदी अनियमित कर्मचारियों के नियमिती करण,स्थाई व अस्थाई कृषि पंपों के लिए प्राप्त आवेदन, भेंट मुलाकात में की गई घोषणाओं के संबंध में प्रश्न पूछे जाएंगे। वन मंत्री मोहम्मद अकबर से तेंदूपत्ता खरीदी व भुगतान, नीलामी से राजस्व लाभ या हानी की जानकारी,वन विभाग में डी एम एफ मद से प्राप्त बजट की जानकारी, अचानकमार टाइगर रिजर्व में कोर व बफर जोनों में स्थित गांव की जानकारी व उनके विस्थापन संबंधी जानकारी,कैम्पा मद के तहत किए गए कार्यों के गुणवत्ता जांच,वन विभाग में संविदा में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों को वित्तीय अधिकार देने या नहीं देने के संबंध में जानकारी,कैम्पा मद में प्राप्त राशि व उसके खर्च की जानकारी, प्रदेश में नोटरी की संख्या व लाइसेंस नवीनीकरण के सवाल लगाए गए हैं। वंही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री रूद्र गुरू से भी जल जीवन मिशन के तहत हुए कार्यों, पेयजल समस्या दूर करने हेतू नफा-नुकसान की जानकारी,और पेयजल आपूर्ति की जानकारी मांगी गई है। जिस पर सदन में गहमागहमी जारी है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा की बजट सत्र के दूसरे दिन 51 सवालों के जवाब पर मचेगा हंगामा।
रायपुर : बिते कल से शुरू हुए बजट सत्र में आज के दिन सवालों की बौछार और सवालों पर जवाबों की मुलाकात और उसके बाद मच गई बवाल। प्रश्नकाल के पहले ही दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सवालों का सामना करते हुए नजर आयेंगे यह राजनीतिक दृष्टिकोण से सरकार के मुखिया होने के नाते उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। वैसे भी सरकार वे मुखिया और कांग्रेस पार्टी का छत्तीसगढ़ राज्य में चेहरा है। अतः उनका अंतिम बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल में सरकार का नेतृत्व करना उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास जो विभाग कार्यक्षेत्र में मौजूद हैं, उन विभागो से संबंधित प्रश्न बजट सत्र में उठाए गए हैं। जिसमें उर्जा, जनसंपर्क,वित्त,व समान्य प्रशासन शामिल है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री रूद्र गुरू के भी विभागों से संबंधित जुड़े हुए सवाल लगाए गए हैं। कुल मिलाकर कहा जा रहा है कि प्रश्नकाल के पहले दिन याने आज 51 प्रश्न लगाए गए है। वैसे प्रश्न को लेकर विगत दिनों छत्तीसगढ़ में पहले काफी बवाल हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व राज्यपाल रह चुकी अनुसुइया उइके जी छत्तीसगढ़ सरकार से आरक्षण विधेयक लागू करने को लेकर दस सवाल में आरक्षण विधेयक लटक गया। ऐसे में सरकार के जवाब से प्रश्नकाल में सवाल पुछने वाले लोगों संतुष्ट होंगे यह बड़ा सवाल है। बहरहाल ट्रांसफार्मर खरीदी अनियमित कर्मचारियों के नियमिती करण,स्थाई व अस्थाई कृषि पंपों के लिए प्राप्त आवेदन, भेंट मुलाकात में की गई घोषणाओं के संबंध में प्रश्न पूछे जाएंगे। वन मंत्री मोहम्मद अकबर से तेंदूपत्ता खरीदी व भुगतान, नीलामी से राजस्व लाभ या हानी की जानकारी,वन विभाग में डी एम एफ मद से प्राप्त बजट की जानकारी, अचानकमार टाइगर रिजर्व में कोर व बफर जोनों में स्थित गांव की जानकारी व उनके विस्थापन संबंधी जानकारी,कैम्पा मद के तहत किए गए कार्यों के गुणवत्ता जांच,वन विभाग में संविदा में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों को वित्तीय अधिकार देने या नहीं देने के संबंध में जानकारी,कैम्पा मद में प्राप्त राशि व उसके खर्च की जानकारी, प्रदेश में नोटरी की संख्या व लाइसेंस नवीनीकरण के सवाल लगाए गए हैं। वंही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री रूद्र गुरू से भी जल जीवन मिशन के तहत हुए कार्यों, पेयजल समस्या दूर करने हेतू नफा-नुकसान की जानकारी,और पेयजल आपूर्ति की जानकारी मांगी गई है। जिस पर सदन में गहमागहमी जारी है।