बालोद :जल जीवन मिशन के तहत इन दिनों जिले में पानी टंकी निर्माण कार्य बड़े जोर और शोर के साथ किया जा राहा है। जिला के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में यह योजना संचालित है। बता दें यह केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक है। हालांकि जिला में यह मिशन काफी सुस्त घटीया इंजन बनकर काम कर रही है। घटिया इंजन की तकनीकी खराबी को लेकर पिछले विधानसभा सत्र के दौरान मौजूदा संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा तक ने शिकायत दर्ज कराई थी। फिलहाल जिला में इस मिशन से जुड़ी हुई एक और नाकामी सामने आई है। एक ओर जहां इस मिशन में ज्यादातर अकुशल श्रमिकों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा राहा है। वहीं मिशन से जुड़ी हुई एक और खबर ने इस घटीया इंजन की घटिया उखाड़ दिया है। जिला के गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत तवेरा में इन दिनों जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजना हेतू पानी टंकी निर्माण कार्य किया जा राहा है। जंहा पर निर्माण कार्य के दौरान एक मजदूर की पानी टंकी से गिरकर मौत हो जाने की सूचना प्राप्त हुई है। इस घटना के बाद श्रमिकों की सुरक्षा संबंधी मानकों पर सवाल उठ रहे हैं,विदित हो कि निर्माण कार्यों में सूरक्षा मानक से संबंधित सरकार की कुछ गाडलाइन है और सरकार की इस गाडलाइन को फालो करने से किसी भी संभावित दुर्घटनाओ से बचा जा सकता है,लेकिन निर्माण कार्यों में सरकारी अनदेखी के चलते इस तरह की दुर्घटना स्वाभाविक है। हालांकि, पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है। अब सवाल यह है कि पुलिस क्या उन लोगो को सबक सिखाने में सफल हो पायेगी जिनके मथे सरकारी कार्यो में लापरवाही बरतने का स्पष्ट तौर पर इल्ज़ाम है। मशलन श्रम विभाग,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग। जरा सोचिए क्या इन विभागों में पदस्थ अधिकारियों की बस इतनी सी ही जिम्मेदारी होती है की वे धरातल पर कम काम करें और आफीस में बैठकर ज्यादा वक्त कुर्सी तोड़े। सवाल बहुत है,लेकिन जवाब यह हासदा है। मतलब स्पष्ट है कि यदि अधिकारी जमीनी स्तर पर आते और जाते तो इस तरह के हासदो से बचा जा सकता था, लेकिन अधिकारी जब समय पर कार्यलय ही नहीं आते तो निर्माण कार्य स्थल पर क्या खाक जाते होंगे यह एक बड़ा सवाल है। यदि अधिकारी जल जीवन मिशन से जुड़ी हुई निर्माण कार्यों की जायजा समय पर लेते तो स्वाभाविक है इस तरह की घटना नहीं होती या फिर जल जीवन मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजना की जमीनी स्तर पर जो हालत है,वह कुछ अलग होती। बहरहाल जल जीवन मिशन पर आलम यह है कि जिला में मौजूद ऐसे कई गांव है जहां पर रहने वाले बांसिन्दो को स्वच्छ जल की जगह गढ्ढेदार गली और आंगन मिला देखने को मिल राहा है। जबकि हर गांव में सरकार ने लोगों की खून और पसीने से कमाई हुई पैसों को सीसी सड़क से चमकाने का प्रयास किया था, इस प्रयास का मकसद ग्रामीणों को बारीश में होने वाली किचड़ से मुक्ति दिलाना था लेकिन जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत जिला के अनेक गांवो की गलियों को इस योजना के तहत बुरी तरह से खोदकर छोड़ दिया है गांव गांव में गंगा बह रही है। जिसके चलते जिला के ज्यादातर ग्रामीण हिस्सों में दुर्घटनाएं आम हो गई है और वैसे भी राज्य में शराब की खपत बढ़ गई अतः दुर्घटना की मायने को समझा जा सकता हैं। सच यह भी है कि राज्य में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित इस योजना और विवादों का लोली दामन का रिश्ता राहा है, और कटू सत्य यह भी है कि राज्य सरकार द्वारा संचालित तमाम योजनाओं को राज्य में मौजूद कांग्रेसी सरकार के छूटभैये नेता उर्फ ठेकेदार कर रहे हैं। इस बिच नेताओं की निर्माण कार्यों को लेकर बढ़ रही दखलंदाजी अधिकारियों की निर्माण कार्य स्थलों पर उपस्थिति को कम करने की मुख्य वजह भी बन रही है। परिणाम स्वरूप नेता उर्फ ठेकेदार निर्माण कार्य में भर्राशाही को तबियत से अंजाम दे रहे हैं। इसलिए ज्यादातर सरकारी दफ्तरों में एक आम जनता से ज्यादा इन्हीं लोगों का दबदबा कायम रहता है और हो भी क्यों ना आखिरकार नेता किस काम है और रही बात अधिकारी को सेट करने की तो नेता जी ढेकेदार भी है। लिहाजा सरकारी निर्माण कार्यों में भर्राशाही जारी रहता है।
ताजा घटना का विवरण इस प्रकार है......
बालोद जिला के रनचिरई थाना क्षेत्र की ग्राम तवेरा में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा जल जीवन मिशन अंतर्गत पानी टंकी का निर्माण कराया जा रहा था। जिसमें काम करने के दौरान बिहार सहरसा निवासी विनोद मुख्या की 50 फीट की ऊंचाई से गिरकर मौके पर ही मौत हो गई। मामले में पुलिस पंचनामा कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम करा शव परिजन को सौंप दिया।