रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र का आगाज 31 जनवरी को शुरू होने के आसार हैं। कुछ दिन पहले विधानसभा के शीतकालीन सत्र समय पहले समाप्त कर दिया गया था। हालांकि सत्र की शुरुआत जबदस्त तरीके से हुआ था,जिसकी अटकलें पहले ही लगाई गई थी। बहरहाल छत्तीसगढ़ वासीयों को मौजूदा सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों पर इस दौरान बहुत कुछ सुनने व समझने का मौका मिल सकता था, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। सच तो यह है कि छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार चार वर्ष सफलतापूर्वक पूरा कर चुकी हैं। हालांकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की यह चार वर्ष काफी उथल पुथल वाली भी साबित हुई है। अब इसे मानें या फिर ना माने ये उनकी मर्जी है, लेकिन सच्चाई पर कांग्रेस पार्टी को आज नहीं तो कल सोचना पड़ेगा। निश्चित रूप से उथल पुथल पर मौजूदा सरकार से जुड़े हुए लोग अपनी शेखी बघारने हेतू या फिर सरकार की छवि को बेहतर बनाने हेतू अलग विचार रखते हो, लेकिन जो सत्य है उसे झुठलाया तो नहीं जा सकता है। वैसे भी कहा जाता है कि कोई लाख कर लें चतुराई करम के लेख मिटे ना रे भाई और नेताओं के दांत दो तरह की होने की बात जग जाहिर है। कहने का मतलब स्पष्ट है कि सच आज नहीं तो कल तमाम कांग्रेसी नेताओं के सामने सीना तान कर खड़ा रहेगा। उस दौरान तमाम कांग्रेसी नेताओं को मुकदर्शक के भांति खड़ा हो कर स्वीकार करना होगा,भले तमाम कांग्रेसी उस दौरान भी आज के माफिक अंहकार में कुछ भी कह या बक दे, लेकिन जो होना है वो आज नहीं तो कल होकर रहेगा। इससे पहले भाजपाइयों की सरकार धरातल में 15 वर्ष तक आज के वर्तमान परिदृश्य के दौरान मौजूद सरकार की तरह व्यवहार किया करती थी और छत्तीसगढ़ में सदैव राज करने का दंभ भरती थी, लेकिन सत्य आज जो धरातल में मौजूद हैं उससे सब वाकिफ हैं।
सूब्बे में साल के अंत के दौरान लगभग विधानसभा चुनाव तय है, और चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य में मौजूद कुछ विधायकों के पर्फार्मेंस पर सीधा और खरा खरा कुल मिलाकर स्पष्ट तरीके से बहुत कुछ दिया है। इससे लगता है कि सरकार का इरादा स्पष्ट है। मतलब यह भी हो सकता है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी यह बात को भंलिभांती जानती व पहचानती है कि राज्य में उनकी मौजूदा सरकार की छवि को कांग्रेस पार्टी के कुछ विधायकों की करतूत समझ से बाहर ला खड़ा किया है। यह सवा आना सत्य है कि भूपेश बघेल सरकार ने अपने चार वर्ष के कार्यकाल में बहुत कुछ कर दिखाया है। जिसके चलते उन्हें और उनकी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बहुत कुछ उम्मीद लगाए बैठी है। लेकिन राज्य के जिन विधानसभा क्षेत्रों में उनकी सरकार की किसी भी नितीयो को बेधड़क तरीके से दोहन उनके ही पार्टी के चुने हुए विधायकों और जनप्रतिनिधियों ने बेइंतहा सरीखे से कर रखा है। सवाल वंहा पर उभरता है और उन्हीं उभरी हुई सवालों से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार सीधे तौर पर बचना चाह रही है । बेहतर यह होगा कि उन क्षेत्रों में सरकार की इकबाल को बुलंदियों पर पहुंचाने हेतू उन क्षेत्रों में दूसरे मजबूत विकल्प की तलाश कांग्रेस पार्टी जुट जाएं। सरकार जनता से जुड़े हुए सवालों पर नफरत की दुकान बंद करके मोहब्बत की दुकान खोलकर बैठे और सभी सवालों का जवाब दें। यदि उनमें सच्चाई होगी तो जनता आपकी सेवा की मेवा आगामी विधानसभा चुनाव में आपको शूद सहित वापस करेगी और यदि जनता को आपकी सेवा की आड़ में मेवा खाने का भाव समझ गई तो आप भी समझ सकते है। खैर जो भी आजकल खराब पर्फार्मेंस के आड़ में मौजूदा सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले ज्यादातर विधायक आम जनता से रूबरू से रहे है। इस दौरान विधायकों के द्वारा आम जनता के मध्य काफी मिठ्ठी मिठ्ठी बात परोसने की भी खबर है।