TOPBHARAT DESK RAIPUR : राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज होती हुई नजर आ रही,लेकिन चुनाव जैसे-जैसे समीप आ रहा है ठीक वैसे वैसे ही यह सरगर्मियां भादों मास के आखिरी दिनों में गर्मी का भी अहसास करा रही हैं। राजनीतिक पंडितों की मानें तो राज्य के अंदर सत्ता में मौजूद कांग्रेस पार्टी अपनी ही बुनी भंवर के जाल में फंसती जा रही है क्योंकि विधानसभा चुनाव काफी नजदीक है और मौजूदा सरकार के द्वारा पूर्व में किए गए घोषणा आधी अधूरी पड़ी हुई है। लिहाजा आधे अधूरे वादे को पूरा बता कर सरकार अपने निकम्मेपन की सबूत खुद आम जनता के मध्य प्रस्तुत करने में तूली हुई प्रतीत नजर आ रही है। चूंकि प्रदेश में इस वक्त आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर राजनीतिक दल अपने मोहरे फिट करने में लगे हुए है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की सरकार राज्य में सत्ता हासिल करने के बाद वाली राजनीतिक चाल को सही साबित करने में जुटी हुई नजर आ रही है।जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में बेहतरीन कार्यो के जरिए सरकार आम जनता के मध्य बढ़िया प्रदर्शन करने की क्षमता रखती है। कई जगहों पर सरकार आम जनता के मध्य उनके विचारों के अनुरूप सही साबित नहीं हो सका है। राज्य के ज्यादातर सत्तारूढ़ दल के विधायक आम जनता की सेवा करने छोड़कर सत्ता की मलाई चांटते हुए आम जनता को स्पष्ट रूप से नजर आ चुके है। इस बात की जानकारी सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हो चुकी थी लिहाजा भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम के दौरा की घोषणा करने से पहले विधायकों के परर्फार्मेंस पर सवाल उठाते हुए परफार्मेंस में सुधार करने की आवश्यकता की बात कही थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस सवाल को सून कर मलाई चांटने वाले विधायकों को तुरंत अक्ल आ गया और छवि सुधारने के चक्कर में लगातार आम जनता से मिलते हुए देखे जाते रहे।अब जब विधानसभा चुनाव काफी नजदीक है ऐसे में मलाई चांटने वाले विधायकों की परफॉर्मेंस किस हद तक सुधर पाई है यह एक जिंदा सवाल है। बहरहाल प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने दावा किया है कि विधायकों के परफारमेंस में लगातार सुधार आ रहा है। कामकाज में खामियों को लेकर उन्हें अवगत कराया जाता है। जिसमें में सुधार के साथ आगे बढ़ रहे हैं। अब टिकट वितरण से पहले ही सभी विधायकों की परफॉर्मेंस की समीक्षा की जाएगी। हालांकि पुनिया साहब यह भूल गए हैं कि विधानसभा चुनाव सर पर खड़ी है और सुधरने सुधारने के लिए समय नहीं है ना जनता के पास और ना ही सत्ता के आड़ में मलाई चांटने वाले विधायकों के पास। ऐसे में समय है परखने का यदि समय रहते हुए कांग्रेस पार्टी परखने की कोशिश समझी होती तो कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल त्रिभुवनेश्वर शरण सिंह देव कुछ दिन पहले पंचायत मंत्री से राज्य सरकार की प्रर्दशन से नाराज हो कर मंत्रालय को टाटा बाय कहते हुए बहुत कुछ समझाने का प्रयास किया है। सिंह देव ने पंचायत मंत्रालय को अलविदा कहने के पूर्व लंबा चौड़ा पत्र लिखकर मौजूदा सरकार की निकम्मेपन को खुलेआम जाहिर करते हुए समझाने का प्रयास किया,लेकिन वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और केबिनेट मंत्री की सलाह को मौजूदा सरकार शायद समझने की कोशिश तक नहीं कर रही है। अलबत्ता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम के जरिए मलाई चांटने वाले विधायकों की चेहरा में सुधार का भाव आम जनता को दिखाने हेतू गली गली घुम रहे है। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बालोद जिला के गलीयो में घुम घुम भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम में शामिल लोगों को जिले से निर्वाचित विधायकों की चेहरा को दिखाने में व्यस्त नजर आ रहे है। ज्ञात हो कि यह वही बालोद जिला की पावन धरा है जंहा की आम जनता ने कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से सरकार में बिठाने हेतू मतदान किया है। मौजूदा के दौरान जिले के तीनो विधानसभाओं में कांग्रेस पार्टी की विधायक,लेकिन विडंबना कहे की मजबूरी तीनों विधायकों की परफॉर्मेंस आज के वर्तमान परिदृश्य में खासा खराब होने की बात कही जाती है। जिलावासियों की मानें तो जिले के तीनो विधानसभाओं में मौजूद विधायकों ने आम जनता से कंही ज्यादा अपने कार्यकर्ताओं पर ध्यान केंद्रित किया है। परिणाम स्वरूप आम जनता से इनकी दूरी इतनी बढ़ गई है,कि आगामी विधानसभा चुनाव में इन्हें फूटे आंख तक नहीं पसंद कर रही है। ऐसे में दूबारा सत्ता में काबिज होने के फिराक में जुटी कांग्रेस पार्टी को अब समझने की जरूरत है। वैसे भी त्रिभुवनेश्वर शरण सिंह देव ने पहले ही कह रखा है कि यदि पिछली विधानसभा की घोषणा पत्र में शामिल वादा पूरा नहीं हुआ तो सरकार मूंह दिखाने लायक तक नहीं रह पायेगी।