विनोद नेताम
बालोद ... जिला में राजनीतिक रण क्षेत्र के रूप में मशहूर नगर गुरूर पंचायत जंहा पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस पहुंचने ही वाले हैं। सर्वविदित है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम के सिलसिले में नगर पंचायत गुरूर की पावन धरा में फिर एक बार कदम रखने जा रहे है। इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 13 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में उपस्थित हुए थे। हालांकि इस कार्यक्रम को लेकर जिला आदीवासी समाज बालोद ने पूर्व में ही स्पष्ट कर दिया था कि यह कार्यक्रम गोंड़ महासभा गोंड समाज जिला बालोद के समाजिक बैनर तले आयोजित नहीं किया जा रहा है। लिहाजा पूर्व में आयोजित यह कार्यक्रम जिसमें बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विराजमान रहे वह कार्यक्रम आज के वर्तमान परिदृश्य में विवादों की भेंट चढ़ गई है। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नगर आगमन से पहले एक और विवाद स्पष्ट तौर पर इन दिनों देखा जा रहा है। इससे पूर्व में बतौर अतिथि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आगमन हुआ था उस दौरान आदीवासी समाज दो भागों में टूट गया अब फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरूर का दौरा करने वाले हैं। लिहाजा लोगों की उत्सुकता पहले की अपेक्षा और बढ़ गई है,शायद लोगों को लगता है कि एक फिर गुरूर में कुछ-न-कुछ दो भागों में बंट कर अलग होगा। ज्ञात हो कि बालोद जिले का गुरूर विकासखंड मुख्यालय जिसे संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक रण क्षेत्र के तौर पर देखा जाता राहा है। विकासखंड मुख्यालय में स्थित नगर पंचायत गुरूर जंहा पर विगत कई दिनों से विवाद और चोली दामन का साथ देखा जा रहा है। जानकारों की मानें तो नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू और मौजूदा कांग्रेसी पार्षदों के साथ कुछ भाजपाई पार्षदों के बिच ठन गया है। वैसे देखा जाए तो टिकेश्वरी साहू नगर पंचायत अध्यक्ष बनने से पहले कांग्रेस पार्टी की सदस्य नहीं थी। चूंकि कांग्रेस पार्टी को नगर पंचायत गुरूर में कांग्रेस पार्टी का चेहरा अध्यक्ष के रूप में चाहिए था इसलिए टिकेश्वरी साहू को आनन-फानन में कांग्रेस पार्टी में सदस्य बनाकर नगर पंचायत गुरूर अध्यक्ष पद सौंप दिया गया था। नगर पंचायत अध्यक्ष बनने के बाद से लगातार टिकेश्वरी साहू कांग्रेसी पार्षदों के निशाने पर रही है। चूंकि टिकेश्वरी साहू कांग्रेसी पार्षदों के बहुमत के दम पर अध्यक्ष के पद पर आसीन हैं और उन्हें इस पद पर बिठाने वाले निशाने में ले रहे है। इसके पीछे कुछ तो बड़ा कारण होगा,जबकि विपक्ष में मौजूद भाजपा के कुछ पार्षद भी कांग्रेसी पार्षदों का साथ देते हुए देखे जा चुके है। पिछले दिनों नगर पंचायत गुरूर में पी आई सी का गठन अध्यक्ष महोदया के द्वारा किया गया है। उक्त पी आई सी सिमिती में अध्यक्ष महोदया ने किसी कांग्रेसी पार्षदों को स्थान नहीं दिया है। लिहाजा विवाद और जम कर गहरा गया। इससे पहले नगर पंचायत अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। किसी तरह अविश्वास प्रस्ताव पर अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू ने स्टे ऑर्डर कोर्ट से जारी करवा कर अविश्वास प्रस्ताव लाने की मंशा पर पानी फेर दिया चूंकि विरोधियों का मंसूबा कामयाब होते होते रह गई इसलिए कई तरह से और दूसरे मंसूबों को आजमाने तक का प्रयास देखा जा रहा है। इस बिच टिकेश्वरी साहू से नाराज चल रहे कांग्रेसी पार्षद और कुछ भाजपाई पार्षद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम के दौरान इस्तीफा देने की बात कहते हुए देखे गए है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंटवार्ता मुलाकात कार्यक्रम में पार्षदों के सामुहिक इस्तीफा पर भाजपा पार्षद चिंता राम साहू ने दुख जताते हुए कहा है कि नगर पंचायत गुरूर के राजनीतिक इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा कि नगर पंचायत गुरूर के चुने हुए जनप्रतिनिधियों ने नगर के विकास हेतू ना तो नगरवासियों की आवाज को सुना और ना ही अपनी जमीर की आवाज को सुना। बस राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि हेतू सत्ताधारी दल के बड़े नेताओं की बातों को नगर के चुने हुए जनप्रतिनिधियों ने सुना। परिणाम स्वरूप राजनीतिक रण क्षेत्र गुरूर में स्थित नगर पंचायत गुरूर यह राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। टिकेश्वरी साहू अध्यक्ष नगर पंचायत गुरूर : ईश्वर और नगरवासियों में मेरे लिए कोई अंतर नहीं है। मैंने इस पद का उपयोग सदैव नगर वासियों की जरूरतों को पूरा करने हेतू किया है। विरोधियों को लगभग 3 करोड़ रुपए का विकास कार्य हजम नहीं हो रही है इसलिए तरह तरह के मंसूबों को अंजाम देने में लगे हुए है। मुझे नगरवासियों और ईश्वर पर विश्वास और भरोसा है।