छत्तीसगढ़ धमतरी....रुद्री स्थित एक्ज़ेक्ट फाउंडेशन की छात्राएं चंचल सोनी, बचपन से ही एक पैर से दिव्यांग है और रजनी जोशी दृष्टिबाधित है।
कार्यक्रम की प्रथम कड़ी में सार्थक के सदस्यों, प्रशिक्षकों और बच्चों द्वारा चंचल और रजनी को सैश पहनाकर और फूलों की वर्षा करते हुए तथा "आज से पहले आज से ज्यादा खुशी आज तक नहीं मिली......" गीत गाकर स्कूल के भीतर प्रवेश कराया गया।
सार्थक की अध्यक्ष डॉ. सरिता दोशी ने चंचल , रजनी और उनकी प्रशिक्षक देवश्री जोशी से सभी का परिचय करवाया। और कहा कि, धमतरी की दोनों जाँबाज़ बेटियां दुनिया के समक्ष प्रेरणा की सबसे अच्छी उदाहरण है।
दोनों पर्वतरोहियों ने अपना संस्मरण बताते हुए कहा, एवरेस्ट चढ़ते समय बहुत कठिनाइयां आई जैसे, स्नोफॉल होना, ऑक्सीजन का कम होना पर धैर्य , साहस और कोच सर के मार्गदर्शन से हौसला बना रहा और सफलता प्राप्त हुई।
ज्ञात हो कि चंचल का नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे छोटी उम्र की एवरेस्ट चढ़ने वाली वन लेग एम्प्यूटी क्लाईम्बर के नाम से दर्ज हुआ है। चंचल और रजनी की प्रशिक्षक देवश्री जोशी जिन्होंने दोनों बेटियों को ट्रेंड किया और उन्हें प्रशिक्षण देकर उनके मुकाम तक पहुंचाया उनका भी पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया।
सार्थक के संरक्षक गोपाल शर्मा, वरिष्ठ सदस्य मदन मोहन खंडेलवाल और आमंत्रित सदस्य गजानंद साहू ने अपने आशीर्वचन में कहा, सपने देखना चाहिए और उन्हें साकार करने के लिए मेहनत भी करनी चाहिए जो आज दोनों बेटियों ने करके दिखाया है । सार्थक सदस्यों द्वारा दोनों को तिलक लगाकर , हार एवं क्राउन पहनाकर तथा मोमेंटो, घड़ी का उपहार और संरक्षक गोपाल शर्मा द्वारा प्रोत्साहन राशि भेंट कर सम्मानित किया गया। सार्थक के बच्चों व प्रशिक्षकों ने दोनों बेटियों के सम्मान में " आशाएँ,कुछ करने की हो आस ......" गीत गाकर बच्चों को प्रोत्साहित किया और उसके पश्चात चंचल ने भी छत्तीसगढ़ी नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी।