छत्तीसगढ़ धमतरी .... जिलें के देशी तथा विदेशी मंदिरा दुकानों में स्थानीय लोगों के बजाय बाहरी लोगों को दिया जा रहा है प्राथमिकता... दरअसल ये पूरा मामला धमतरी जिलें के भखारा, मगरलोड, व छाती का है जहां देशी तथा विदेशी मंदिरा दुकानों में स्थानीय लोगों को रोजगार देने के नाम पर अन्य जिलें व अन्य राज्य से आए ठेका प्रथा से देशी तथा विदेशी मंदिरा दुकानों में कर्मचारी रह चुके लोगों को काम पे रखा जा रहा है जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है जिससे क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं में काफी आक्रोश है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाहरी जिलें और बाहरी व्यक्तियों का फर्जी दस्तावेज बनाकर आबकारी विभाग के मिलीभगत से प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से की जा रही है फर्जी भर्ती, जिससे युवाओं में काफी आक्रोश है।
आबकारी विभाग के द्वारा चलाया जा रहा है देशी तथा विदेशी मंदिरा दुकानो में कार्य करने वाले कर्मचारियों की भर्ती में शिक्षित तथा जिलें के स्थानीय लोगों को भर्ती ना करके अन्य जिले में मंदिर दुकानों एवं ठेका प्रथा में कार्य किए हुए कर्मचारी हैं।आबकारी विभाग के व्दारा स्थानीय लोगों को देशी तथा विदेशी शराब दुकान में भर्ती लेने के बजाय पूर्व में ठेका प्रथा से कार्य कर रहे कर्मचारी की फर्जी दस्तावेज बनाकर नियुक्ति की जा रही है। जिसे धमतरी जिलें के स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त नहीं हो पा रहा है जबकि नियमत: जिले के शिक्षित बेरोजगारों को प्राथमिकता देनी है।
लेकिन धमतरी जिलें में देशी तथा विदेशी मंदिरा दुकान में काम किए हुए बाहरी व्यक्तियों को काम में रखा गया है जो ठेका प्रथा के समय काम किए हुए है।
जहां धमतरी जिलें में आबकारी विभाग के व्दारा नियमों को ताक में रखकर फर्जी दस्तावेज के सहारे बाहरी व्यक्तियों की नियुक्ति की जा रही है।
जबकि बाहरी व्यक्तियों का नियुक्ति नही हो सकता, लेकिन फर्जी दस्तावेज देकर जिलें के कुछ मदिरा दुकानों में कार्य कराए जा रहे हैं जो कि अन्य जिले तथा अन्य राज्यों से हैं इसमें ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इसमें विभाग की भी मिलीभगत लग रही है।
वहीं स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवाओं ने कलेक्टर से इसकी निरपक्ष जांच कर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने की बात कही।