छत्तीसगढ़ धमतरी .... शहर में आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीय को जगन्नाथ महोत्सव रथ यात्रा पर इस साल भी कोरोना वायरस के चलते ब्रेक लग गया है.... 99 साल के बाद यह दूसरी बार है कि जब शहर में जगन्नाथ यात्रा नहीं निकाली जा रही है..इसके बाद भी श्रद्धालुओं में इस पर्व को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है , सोमवार को सुबह से ही जगदीश मंदिर का पट खोल दिया गया, भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के दर्शन के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन कर के मनोकामना पूर्ति के लिए उन्होंने श्रीफल चढ़ाकर प्रार्थना भी की...
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जगदीश मंदिर ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष डॉक्टर हीरा महावर ने टॉप भारत न्यूज़ से बात चीत में बताया कि पर्व में प्रत्येक साल धमतरी शहर में मठ मंदिर चौक से भगवान महाप्रभु जगन्नाथ की धूमधाम से यात्रा निकाली जाती है, रथयात्रा को 99 साल पूरा हो चुका है। पर्व के मद्देनजर मंदिर को भी फूलों से भव्य रूप से सजाया गया है। भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए सुबह से लोगों का आना शुरू हो गया है।
उल्लेखनीय है कि धमतरी शहर में भगवान जगन्नाथ यात्रा को करीब एक शताब्दी हो गया है ..समय बीतने के साथ ही लोगों की आस्था भगवान जगन्नाथ के प्रति गहरी हो गई है। मंदिर समिति से जुड़े बिहारी लाल अग्रवाल लखूभाई भानुशाली ने बताया कि वर्ष-1913 के आसपास यहां शिव मंदिर था।
भगवान जगन्नाथ की मंदिर बनाने को लेकर सोहनलाल मुंशीलाल अग्रवाल एवं शिवनारायण बाहेती दोनों ने मिलकर योजना बनाई। तत्पश्चात वर्ष-1917 को जगन्नाथपुरी से भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और माता सुभ्रदा की प्रतिमा स्थापित की गई। उस समय मंदिर समिति में मात्र 7 सदस्य थे., जो मंदिर का संचालन करते थे। अविभाजित मध्यप्रदेश का यह पहला मंदिर है., जहां से प्रथम बार महाप्रभु की रथयात्रा निकाली गई। तब से लेकर अब तक यह सिलसिला बदस्तूर जारी है.! यात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ की एक झलक पाने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा पड़ता है..!