छत्तीसगढ़ धमतरी.. जिले के कुछ मेडिकल माफियाओं द्वारा करोड़ों रुपए की दवाइयां, मशीन व अन्य उपकरण सप्लाई में बड़ा खेल करने का मामला सामने आया है। जिस पर प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने जांच के आदेश देने की बात कही है। आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण काल में जिलेवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए प्रदेश शासन की ओर से दवाई समेत आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए स्वास्थ्य विभाग को करोड़ों रुपए की राशि दी गई थी। इमरजेंसी होने पर इस राशि से जीवन रक्षक दवाइयों समेत मशीनों की खरीदी करने के लिए कहा गया था। प्रशासन और जीवनदीप समिति के सदस्य की सहमति आवश्यक बताई गई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कुछ लोगो द्वारा करोड़ों की दवाई और लाखों रुपए की लागत से मशीन और अन्य उपकरण खरीद लिया।इस खरीदी के लिए किसी भी प्रकार का कोई टेंडर जारी नही किया गया, साथ ही शासन प्रशासन की अनुमति भी नहीं ली गई थी। वहीं मामला सामने आने पर कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने जिला पंचायत सीईओ मयंक चतुर्वेदी के संरक्षण में 3 सदस्य टीम का गठन किया था। ज्ञात हो कि अस्पतालों की दवाइयों के खरीदने के लिए अलग-अलग बजट मिलता है इसके अनुसार सीएमएचओ को अधिकतम 10 करोड़ और सिविल सर्जन को 3 करोड़ रुपए का बजट मिलता है, लेकिन यह भी स्पष्ट नहीं है कि लगभग 3 करोड रुपए की जो दवाई मशीन और अन्य उपकरण खरीदे गए हैं वह किस के बजट से उपयोग किया गया है। फिलहाल इस सब का खुलासा रिपोर्ट में ही हो पाएगा।
दवाइयों के सौदागर...
जिला में हुए इस मामले को सामने आने के बाद तीन दवाइयों के सौदागर के नाम सामने आ रहे हैं। सूत्रों की माने तो धमतरी और रायपुर के कुछ दवाइयों के सौदागर द्वारा इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया है। वही इन मेडिकल माफियाओं की पहुंच छत्तीसगढ़ के बड़े नेताओं तक ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के कई नेताओं तक होने की बात सामने आई है। वही बताया गया है कि जिला स्वास्थ्य अधिकारी गरियाबंद के सीएमएचओ द्वारा निकाले गए इस टेंडर को आधार मानकर यह सप्लाई किया गया है। वही नियम कहता है कि बिना टेंडर के एक लाख से अधिक की दवाइयां या उपकरण नहीं खरीदे जा सकते हैं, ऐसे में सवाल उठा रहा कि क्या संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी इसके लिए दोषी है जो मेडिकल माफियाओं लाभ पहुंचाने और खुद को लाभ लेने के चक्कर में बिना टेंडर के इस दवाइयों और अन्य उपकरणों की सप्लाई कर रफा-दफा कर दिया गया है।
मंत्री कवासी लखमा ने कहा...
प्रदेश के आबकारी मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि इस बात की जानकारी मेरे को मीडिया के द्वारा मिल रही है, इससे पूर्व में मेरे को किसी भी तरह की जानकारी नहीं दिया गया था। इस मामले में कलेक्टर से कॉपी ले कर जल्द जांच करने का आदेश दिया जाएगा, साथ ही मेडिकल माफियाओं और सम्मिलित अधिकारियों पर सख्त करवाई की जाएगी।